Edited By Diksha kanojia, Updated: 01 Jun, 2022 01:33 PM
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय में साल 2020 में पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं राज्य के पूर्व सरकार के मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों को लेकर अधिक संपत्ति मामले में दर्ज जनहित याचिका के संदर्भ में राज्य...
रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन की नेतृत्व वाली जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने मंगलवार देर रात को एक बड़ा फैसला लेते हुए पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले मंत्रियों की संपत्ति की जांच एसीबी से कराने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय में साल 2020 में पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं राज्य के पूर्व सरकार के मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों को लेकर अधिक संपत्ति मामले में दर्ज जनहित याचिका के संदर्भ में राज्य सरकार ने एसीबी जांच के आदेश दिये है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले पंकज कुमार यादव द्वारा पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के पांच मंत्रियों नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी, अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव और रणधीर सिंह की संपत्ति 2 से 10 गुना तक बढ़ने का दावा करते हुए सीबीआई जांच की मांग गयी थी। याचिका में 2014 और 2019 के हलफनामे की कॉपी और अन्य कागजात उपलब्ध कराये गये थे।
याचिका में बताया गया कि पहली बार विधायक और मंत्री बने पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में 5 साल साल में दो सौ से हजार प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे किन-किन स्त्रोतों से पूर्व मंत्रियों की आय बढ़ी है, इसकी जांच होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने याचिका के पूर्व मंत्रियों की आय के स्त्रोतों की अध्ययन रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी थी। साथ ही पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के केस का भी हवाला दिया था। इससे पहले भी पकंज यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कई अधिकारियों के खिलाफ मोमेंटम झारखंड में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एसीबी में एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन दिया था। सरकार ने संभवत: इसी मामले में एसीबी जांच का आदेश निर्गत किया है।