"किताबें सुख-दुख की साथी हैं", राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारंभ करते हुए बोली डॉ. महुआ माजी

Edited By Harman, Updated: 18 Jan, 2025 12:43 PM

dr mahua maji inaugurated the national book fair

पुस्तकों से व्यक्ति को सदा जुड़ा रहना चाहिए क्योंकि किताबें सच्चा मित्र ही नहीं सुख-दुख की साथी भी हैं। यह उद्गार आज यहाँ समय इंडिया, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय, पटना के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में आयोजित 10 दिवसीय...

रांची: पुस्तकों से व्यक्ति को सदा जुड़ा रहना चाहिए क्योंकि किताबें सच्चा मित्र ही नहीं सुख-दुख की साथी भी हैं। यह उद्गार आज यहाँ समय इंडिया, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय, पटना के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का विधिवत शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथिद्वय प्रख्यात साहित्यकार सह राजसभा सांसद डॉ. महुआ माजी ने व्यक्त किए। उन्होंने पुस्तकों की महत्ता को खासतौर पर रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि यदि पुस्तकें नहीं होतीं तो हम अपनी परम्परा, संस्कृति और ज्ञान संपदा को नहीं जान पाते।       

विधायक सी.पी. सिंह ने भी पुस्तकों को व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि पुस्तक लिखना आसान नहीं। बहुत साधना और संयम की जरूरत होती है। मुझे कोई किताब लिखने को कहे तो मेरे लिए मुश्किल होगी। उन्होंने पुस्तक पठनीयता पर बोलते हुए कहा कि आज के दौर में पुस्तकें पढ़ने वाले कम हो रहे हैं लेकिन इस तरह के आयोजन से पठनीयता बढ़ती है। लोग किताबों के करीब आते हैं और उनकी रुचि में परिवर्तन आता है। 

आगत अतिथियों ने पुस्तक मेला परिसर का भ्रमण कर विभिन्न स्टॉल्स पर प्रदर्शित पुस्तकों का अवलोकन किया और आयोजन को सराहा। अतिथियों का स्वागत समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण ने शॉल भेंट कर किया। स्वागत वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि रांची में जारी पुस्तक मेला की परम्परा पुस्तक आन्दोलन का हिस्सा है। भूषण ने पुस्तक प्रेमियों से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में मेले में आकर पुस्तकें खरीदें और उपहार में भेंट करें। इस अवसर पर नगर के बुद्धिजीवी, संस्कृति प्रेमी, पत्रकार और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे। इनमें डॉ. जंगबहादुर पाण्डेय, डॉ. गोवर्धनपुरी, डॉ. ममता, मनीष सिन्हा, डॉ. कुसुमलता, वीणा श्रीवास्तव आदि प्रमुख रहे। मेले में स्थानीय वरिष्ठ कथाकार उर्मिला सिन्हा की दो नवीनतम कथाकृतियाँ ‘एक जोड़ी आँखें' और ‘यादों की पोटली' का लोकार्पण मुख्य अतिथिद्वय सांसद महुआ माजी और विधायक सी.पी. सिन्ह ने किया । इसके अतिरिक्त अशोक बंका के कहानी संग्रह ‘सरहुल' का लोकार्पण हुआ।

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