Edited By Swati Sharma, Updated: 17 Dec, 2024 01:47 PM
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया के महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की, साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे बैठकर ध्यान लगाया। बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा मंगलवार को...
गया: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया के महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की, साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे बैठकर ध्यान लगाया। बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा मंगलवार को गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे, जहां बिहार सके मंत्री डॉ. प्रेम कुमार एवं संतोष कुमार सुमन ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से बोधगया पहुंचे, जहां बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों ने खादा वस्त्र देकर उनका भव्य स्वागत किया। उनके साथ आए श्रीलंकाई शिष्टमंडल का भी पारंपरिक अंदाज में अभिनंदन किया गया।
सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
श्रीलंका के राष्ट्रपति की इस यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मंदिर परिसर और आसपास पुलिस बल की तैनाती रही। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम और वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती खुद मौके पर मौजूद थे। महाबोधि मंदिर में पूजा एवं ध्यान साधना के बाद अनुरा कुमारा ने बोधगया के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की सराहना की। उन्होंने पवित्र बोधिवृक्ष के छांव में भी भगवान बुद्ध को नमन किया।
इस दौरान श्रीलंका के शिष्टमंडल ने भी मंदिर की परंपराओं और शांति के संदेश को लेकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इसके बाद राष्ट्रपति बोधगया स्थित श्रीलंकाई महाविहार पहुंचे, जहां उन्होंने जयश्री महाबोधि महाविहार मंदिर में भगवान बुद्ध के दर्शन किए, साथ ही उन्होंने भगवान बुद्ध के दो परम शिष्य महामोगलान और सारीपुत के अस्थि कलश को भी नमन किया। राष्ट्रपति की इस यात्रा से भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। बोधगया, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, श्रीलंका के बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है।