झारखंड सरकार का फैसला- केंद्र और RBI के साथ नहीं रखेंगे त्रिपक्षीय समझौता

Edited By Diksha kanojia, Updated: 07 Jan, 2021 01:47 PM

jharkhand government s decision

झारखंड सरकार ने केंद्रीय बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए भुगतान सुरक्षा तंत्र को लेकर पिछली सरकार में हुए त्रिपक्षीय समझौते से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है।

 

 

रांचीः झारखंड सरकार ने केंद्रीय बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए भुगतान सुरक्षा तंत्र को लेकर पिछली सरकार में हुए त्रिपक्षीय समझौते से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है। ऊर्जा विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई।

कुमार ने आगे बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, रिजर्व बैंक और राज्य सरकार के बीच केंद्रीय ऊर्जा उत्पादन कंपनियों के भुगतान सुरक्षा तंत्र के तहत था, उससे राज्य सरकार ने अलग होने का निर्णय लिया है। लोकहित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के विकास तथा 15वें वित्त आयोग के तहत सहायता राशि दी जाती है। त्रिपक्षीय समझौते के तहत आरबीआई में जमा राज्य सरकार के खाते से राशि कटौती का अधिकार केंद्र को प्राप्त हो जाता था इसलिए इस त्रिपक्षीय समझौते से राज्य सरकार ने बाहर होने का फैसला लिया है।

सचिव ने बताया कि समझौता में यह प्रावधान था कि राज्य सरकार की बिजली वितरण कंपनी केंद्रीय बिजली उत्पादन कंपनियों का नियत समय पर भुगतान नहीं करती है तो केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय आरबीआई को पत्र लिखकर राज्य सरकार के खाते से किस्तों में राशि कटौती संबंध में पत्र लिखता है, जिसके बाद आरबीआई द्वारा राशि की कटौती कर ली जाती है और संबंधित बिजली उत्पादन कंपनियों के बीच बकाया का भुगतान कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जो बिजली खरीदेगी, उसका भुगतान करेगी, इसे लेकर पहले से ही अलग तंत्र है और बिजली की कमी होने पर राज्य सरकार इन कंपनियों से बिजली खरीदती आई है।

गौरतलब है कि यह समझौता पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के समय हुआ था। इसी समझौते के तहत पिछले वर्ष कोरोना संक्रमणकाल में ही आरबीआई की ओर से झारखंड सरकार के खाते से करबी 1714 करोड़ रुपए काट लिए गए थे। वहीं डीवीसी के बकाया भुगतान को लेकर एक बार भी इसी खाते से राशि कटौती की संभावना बन गई थी, उससे पहले ही झारखंड सरकार ने इस त्रिपक्षीय समझौते से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है।

सचिव ने बताया कि एक अन्य प्रस्ताव में झारखंड संयुक्त सिविल सर्विसेस परीक्षा नियमावली, 2021 की स्वीकृति दी गई। इसके तहत झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

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