Lok Sabha Election: इंडी गठबंधन ने कोडरमा से इस भाकपा माले के लोकप्रिय नेता को बनाया अपना उम्मीदवार

Edited By Khushi, Updated: 31 Mar, 2024 12:41 PM

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लोकसभा सीटों के ऐलान का दौर लगातार जारी है। झारखंड के इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल भाकपा माले ने कोडरमा सीट से अपने प्रत्याशी के नाम का घोषणा कर दी है।

Koderma: लोकसभा सीटों के ऐलान का दौर लगातार जारी है। झारखंड के इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल भाकपा माले ने कोडरमा सीट से अपने प्रत्याशी के नाम का घोषणा कर दी है। 3 बार के विधायक कामरेड विनोद सिंह कोडरमा सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। विधायक विनोद सिंह 2005 में पहली बार बगोदर से विधायक चुने गए। दूसरी बार 2009 और तीसरी बार 2019 में चुनाव जीते हैं व वर्तमान में विधायक हैं। बता दें कि इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई।

विनोद सिंह की प्राथमिक शिक्षा अपने गांव खंभरा में हुई, चिरकुंडा से उन्होंने हाई स्कूल पास किया, इंटरमीडिएट पटना से व बीए, एमए की पढ़ाई बीएचयू से की। स्कूली छात्र रहते हुए विनोद सिंह ने झारखंड आंदोलन में भाग लिया, पुलिस की लाठियां खाई और पुलिस हिरासत में भी रहे। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान विनोद सिंह छात्र राजनीति व सांस्कृतिक आंदोलनों में काफी सक्रिय थे। 2005 में पिता महेंद्र सिंह की शहादत के बाद भाकपा माले ने उन्हें बगोदर से उम्मीदवार बनाया जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की। झारखंड में विनोद सिंह की पहचान जनता के सवालों पर मुखर होकर सड़क से सदन तक बेबाक संघर्ष करने वाले नेता की रही है। लंबे समय से प्रवासी मजदूरों के अधिकारों के लिए उन्होंने संघर्ष किया, गठबंधन सरकार ने उनकी बात सुनी और किसी भी तरह के दुर्घटना होने पर परिजनों को मुआवजा देने की गारंटी की गई। प्रदेश में कहीं भी आम जनता के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार का मामला हो, विनोद सिंह ने इसे गंभीरता से लिया और प्रताड़ित लोगों के साथ खड़े हुए। छात्रों- नौजवानों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व सम्मानजनक रोजगार के लिए खास तौर से जाने जाते हैं विनोद सिंह।

राज्य में मनरेगा घोटाला हो या किसी भी तरह का भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड के सबसे मुखर आवाज विनोद सिंह रहे हैं। नेतरहाट फायरिंग के खिलाफ लंबे समय तक चले आंदोलन का जुझारू नेतृत्व देने की इनकी पहचान है। ढिबारा मजदूरों के आंदोलन का नेतृत्व करते हुए धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव के साथ विनोद सिंह जेल भी गए। ढिबरा मजदूरों के लिए सदन से सड़क तक बेबाकी से उन्होंने आवाज उठाई है। ढिबरा चुनने वाले मजदूरों के लिए रोजी-रोटी सुनिश्चित करवाने की लड़ाई आज भी वो लड़ रहे हैं। कोविड के दौरान जब चारों ओर भय व असुरक्षा का माहौल था, नेता व प्रतिनिधि डर से घरों या हॉस्पिटलों में थे तब विनोद सिंह न केवल अपने क्षेत्र बल्कि पूरे प्रदेश में कभी के लोगों ने सहयोग मांगा उसको गारंटी के साथ मदद पहुंचाई। यहां तक कि दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद आदि शहरों में फसे मजदूरों के लिए भी जरूरी मदद सुनिश्चित करवाया।

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