Edited By Khushi, Updated: 06 May, 2024 10:35 AM
झारखंड के गढ़वा में पानी की घोर समस्या हो रही है। पानी लाने के चक्कर में गांव के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
Garhwa (अभय तिवारी): झारखंड के गढ़वा में पानी की घोर समस्या हो रही है। पानी लाने के चक्कर में गांव के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पेयजल स्वक्षता विभाग की उपलब्धि फेल हो रहा है। रिपोर्ट भेजकर सरकार को भी गुमराह करते हैं जिसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीण को भुगतना पड़ता है।
गढ़वा जिले के झारखंड-छत्तीसगढ़ बॉर्डर में बहने वाली जीवन दायिनी कहे जाने वाली कन्हर नदी गोदरमाना वासियों के लिए वरदान से कम नहीं है, वहीं शुरुआती गर्मी में ही नदी सूख जाने की वजह से चुटिया पंचायत वाशियों की चिंता बढ़ गई है। कई चापानल, जल मीनार खराब पड़ा है। पानी लेने के लिए लोगों को दूसरे गांव 1 से 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। जलसंकट की समस्या पर कोई सुध लेने वाला नहीं है।
वहीं गोदरमाना में ही लगभग 35 करोड़ रुपये की लागत से बनी पेयजल विभाग के द्वारा पानी टंकी का काम धीमी होने के कारण ग्रामीणों को पानी इस साल भी नहीं मिल पाया है। पानी टंकी केवल हाथी का दांत बनकर रह गई है। जल संकट का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि नदी में चुवाड़ी खोद कर पानी पीने और नहाने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। पानी के समस्या के कारण स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है। पानी लाने के चक्कर में पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
आखिर में इसका जिम्मेदार कौन विभाग या अधिकारी है?