लोहरदगा सीट पर BJP कैंडिडेट समीर उरांव की होगी अग्नि परीक्षा, 2024 में यहां BJP और महागठबंधन में होगा सीधा मुकाबला

Edited By Khushi, Updated: 28 Mar, 2024 10:59 AM

bjp candidate sameer oraon will have a litmus test on lohardaga seat

2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है, लेकिन 2024 में बीजेपी ने सुदर्शन भगत का टिकट काट कर समीर उरांव को चुनावी मैदान में उतारा है।

लोहरदगा: 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है, लेकिन 2024 में बीजेपी ने सुदर्शन भगत का टिकट काट कर समीर उरांव को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं महागठबंधन भी इस बार लोहरदगा सीट पर पूरी ताकत झोंक रही है। इसलिए लोहरदगा सीट पर 2024 के चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं। लोहरदगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र इनमें से एक है। आपको बता दें कि साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना तब तक लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र भी बिहार का ही हिस्सा था। इस सीट पर साल 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के डेविड मुंजिन ने जीत का परचम लहराया था। इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर ही कार्तिक उरांव लगातार 2 बार 1967 और 1971 में चुनाव जीते, लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में कार्तिक उरांव को जनता पार्टी के लालू उरांव से हार का सामना करना पड़ा।

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साल 1980 में कार्तिक उरांव ने एक बार फिर से वापसी की और सांसद बने। 1984 और 1989 में कांग्रेस के ही टिकट पर सुमति उरांव चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। साल 1991 में इस सीट पर बीजेपी का पहली बार खाता खुला और ललित उरांव चुनाव जीते। 1996 में भी ललित उरांव ने बीजेपी का कमल खिलाया। 1998 में कांग्रेस के इंद्र नाथ भगत चुनाव जीतने में कामयाब हुए जबकि 1999 में बीजेपी के दुखा भगत चुनाव जीते। साल 2004 में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव सांसद चुने गए, लेकिन 2009 और 2014 का चुनाव बीजेपी के सुदर्शन भगत जीतने में कामयाब रहे। लोहरदगा लोकसभा सीट के अंतर्गत लोहरदगा, गुमला और रांची जिले की कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। आइए आपको बताते हैं कि किस जिले की कौन सी विधानसभा सीटें लोहरदगा लोकसभा के अंतर्गत आती हैं।

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एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

2019 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा से बीजेपी कैंडिडेट सुदर्शन भगत को जीत मिली थी। सुदर्शन भगत को तीन लाख 71 हजार 595 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट सुखदेव भगत ने 3 लाख 61 हजार 232 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो जेकेपी के देवकुमार धान ने 19 हजार 546 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था। 

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एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत को 2 लाख 26 हजार 666 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के रामेश्वर उरांव  2 लाख 20 हजार 177 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं एआईटीसी के चमरा लिंडा 1 लाख 18 हजार 355 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

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एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी के सुदर्शन भगत ने 1 लाख 44 हजार 628 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं निर्दलीय चामरा लिंडा 1 लाख 36 हजार 345 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के रामेश्वर उरांव को 1 लाख 29 हजार 622 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के रामेश्वर उरांव  ने 2 लाख 23 हजार 920 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं BJP के दुखा भगत 1 लाख 33 हजार 665 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि निर्दलीय चामरा लिन्डा को 58 हजार 947 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोहरदगा सीट पर 13 मई को लोकसभा चुनाव होना है। यहां से बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में समीर उरांव को टिकट दिया है। यहां का चुनाव परिणाम हमेशा ही चौंकाने वाला रहता है। यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता है। इस बार भी कुछ वैसे ही हालात नजर आ रहे हैं। ये देखने वाली बात होगी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां से किसे जीत मिलेगी।

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