बिहार: स्कूलों की टाइमिंग को लेकर एकबार फिर छिड़ा विवाद, राजद बोली- खत्म हुआ मुख्यमंत्री का इकबाल तो JDU ने दी सफाई

Edited By Swati Sharma, Updated: 29 Feb, 2024 12:29 PM

controversy broke out once again regarding timing of schools

बिहार के सरकारी स्कूलों में टाइमिंग को लेकर एकबार फिर विवाद छिड़ गया है । दरअसल, बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें स्कूलों के समय में बदलाव करते हुए उसका समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कर दिया गया था, लेकिन बाद में शाम...

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार के सरकारी स्कूलों में टाइमिंग को लेकर एकबार फिर विवाद छिड़ गया है । दरअसल, बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें स्कूलों के समय में बदलाव करते हुए उसका समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कर दिया गया था, लेकिन बाद में शाम को एक प्रेस विज्ञप्ति शिक्षा विभाग के द्वारा जारी करते हुए उस पत्र को फर्जी करार दिया गया। उसके बाद फिर से स्कूलों के टाइमिंग को लेकर राजनीति छिड़ गई है।

नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है: राजद
राजद विधायक भाई वीरेंद्र द्वारा साफ कहा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सदन का अवमानना और अपमान है। सदन सारे पार्टियों का होता है । इसलिए माननीय मुख्यमंत्री जी को तत्क्षण इस पर विचार कर कार्यवाही करना चाहिए और ऐसे पदाधिकारी को कान पकड़कर निकाल देना चाहिए। वहीं विपक्ष में बैठी भाकपा माले भी इस मुद्दे को हाथ से नहीं जाने देना चाहता है। भाकपा माले विधायक  अजीत कुशवाहा ने कहा कि सवाल यह है कि फर्जी पत्र आखिर निकाला ही क्यों? आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन ही में कहा था कि स्कूल सुबह 10:00 बजे से चलेगा। उसके एक हफ्ते बाद शिक्षा विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी होती है जिसे अंत में फर्जी करार दिया जाता है।

केके पाठक को इतनी ताकत आई कहां से कि वह..: भाकपा माले
अजीत कुशवाहा ने कहा कि आखिरकार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को इतनी ताकत आई कहां से...वह बिहार में चुने हुए मुख्यमंत्री की भी अवहेलना कर सकें। आखिरकार केके पाठक को इतनी ताकत आई कहां से। महत्वपूर्ण सवाल तो यही है। ऐसी सरकार का फायदा क्या इसके आदेश का पालन उसके अधिकारी ना करते हो। ऐसी सरकार को इस्तीफा देकर निकल जाना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ इस मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड के विधायक डॉ संजीव ने कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कह दिया है तो उनके आदेश का पालन होगा ही। कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही है, जिसकी वजह से अभी तक लेटर जारी नहीं किया गया है।

अधिकारी मुख्यमंत्री की बातों को मानते हैं: जदयू
जब डॉक्टर संजीव से पूछा गया कि विपक्ष कह रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री कमजोर हो गए हैं और अधिकारी उनकी बात नहीं मानते हैं। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। अधिकारी बिहार के मुख्यमंत्री की बातों को मानते हैं।‌ बता दें कि पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में स्कूल के टाइमिंग में बदलाव को लेकर निर्देश दिया था उसके बाद भी स्कूलों के टाइमिंग में बदलाव नहीं किया जा रहा है और विपक्ष लगातार सवाल खड़ा कर रहा है। 

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