Edited By Ramanjot, Updated: 21 Jan, 2025 02:01 PM
शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही शिक्षा कोश पोर्टल पर शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन शिक्षकों से...
पटनाः बिहार शिक्षा विभाग अपने अजीबों-गरीब कारनामों को लेकर अकसर सुर्खियां में रहता है। अब विभाग के नए कारनामा ने सबको हैरान कर दिया है। दरअसल, अब अररिया जिला शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने मुर्दों से स्पष्टीकरण की मांग कर ली है। डीपीओ स्थापना कार्यालय की ओर से निर्गत पत्र को लेकर शिक्षा विभाग को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही शिक्षा कोश पोर्टल पर शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनमें 11 शिक्षकों की मौत हो चुकी है और कई सेवानिवृत शिक्षक भी हैं। जिन शिक्षकों की मौत हो चुकी हैं, इनमें क्रमांक 45 पर दर्ज परमानंद ऋषिदेव, क्रमांक संख्या 59 के मंजूर आलम और क्रमांक संख्या 97 के नसीम अख्तर का नाम शामिल है। इसके अलावा क्रमांक 324 के विश्वबंधु ठाकुर, क्रमांक 327 के अफसाना खातून, क्रमांक 339 के मो.कासिम और क्रमांक 499 के सादिक अनवर शामिल हैं। वहीं क्रमांक 756 के बीबी नाहर, क्रमांक 942 के अंतेश कुमार सिंह, क्रमांक 960 के देवानंद मंडल और क्रमांक 998 के मनोज कुमार पटवे का निधन भी पिछले वर्ष 2024 में ही हो गया था।
सोचने वाली बात है कि पोर्टल पर मृत और सेवानिवृत शिक्षकों का नाम का अभी तक अपलोड होना है, जिसके आधार पर डीपीओ स्थापना की ओर से शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अब्दुल कुद्दूस ने मामले पर विभाग को समीक्षा के उपरांत ही इस तरह की स्पष्टीकरण की मांग की सलाह दी और विभाग को ऐसे भूल से बचने को जरूरी बताया।