Edited By Ramanjot, Updated: 10 Mar, 2024 10:22 AM
ईडी ने मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) और उसके निदेशक के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई 20 एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): अवैध रेत खनन मामलों के संबंध में ईडी ने लालू यादव के करीबी नेता सुभाष यादव के कई ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी। तलाशी के दौरान 2 करोड़ से ज्यादा की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिसके बाद देर रात सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ईडी ने मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) और उसके निदेशक के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई 20 एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में लगे हुए हैं। पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि रेत की अवैध बिक्री से 161 करोड़ रुपये का पीओसी उत्पन्न हुआ है।
BCPL में प्रमुख सिंडिकेट सदस्यों में से एक हैं सुभाष यादव
रेत की अवैध बिक्री को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो कंपनी में धन निवेश करता है और रेत की अवैध बिक्री के माध्यम से लाभ कमाता है जो पीओसी के अलावा और कुछ नहीं है। सुभाष यादव बीसीपीएल में प्रमुख सिंडिकेट सदस्यों में से एक हैं। इससे पहले इस मामले में सिंडिकेट सदस्य राधा चरण साह, उनके बेटे और बीएसपीएल के निदेशकों को ईडी पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर चुकी है।
सुभाष यादव के खिलाफ कई थानों में दर्ज है केस
बता दें कि सुभाष यादव के खिलाफ पटना के कई पुलिस थानों में केस दर्ज है। साथ ही एक दर्जन से अधिक मुकदमें उनके खिलाफ दर्ज हैं। इसमें से ज्यादातर मामले अवैध बालू खनन से जुड़े हुए हैं। सुभाष यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में झारखंड के चतरा से राजद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सुभाष प्रसाद यादव अकूत संपत्ति के मालिक हैं।