Edited By Swati Sharma, Updated: 06 Mar, 2024 11:51 AM
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता ए राजा (DMK leader A Raja) की हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में ए राजा हों, लालू यादव...
पटनाः केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता ए राजा (DMK leader A Raja) की हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में ए राजा हों, लालू यादव हों या राहुल गांधी हों, ये लोग सनातन संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं इसलिए ए राजा हनुमान जी को बंदर कहते हैं।
"हनुमान जी की गदा से इनका हो जाएगा नाश"
गिरिराज सिंह ने कहा कि हनुमान जी की ताकत ऐसी होगी कि उनकी गदा से इनका नाश हो जाएगा। बता दें कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद ए. राजा के उस बयान से मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा है कि भारत कभी एक राष्ट्र नहीं रहा बल्कि यह एक उपमहाद्वीप है जहां विभिन्न प्रथाएं और परंपराएं हैं। दरअसल, डीएमके नेता ए राजा के वायरल हो रहे वीडियो में वह यह कहते हुए दिख रहे हैं कि “भारत एक राष्ट्र नहीं है। इस बात को अच्छे से समझ लें। भारत कभी एक राष्ट्र नहीं रहा। एक राष्ट्र एक भाषा, एक परंपरा और एक संस्कृति को दर्शाता है और ऐसी विशेषताएं ही एक राष्ट्र का निर्माण करती हैं।” राजा ने दावा किया कि भारत एक राष्ट्र नहीं बल्कि एक उपमहाद्वीप है। उन्होंने कहा, “क्या कारण है । यहां तमिल एक राष्ट्र और एक देश है। मलयालम एक भाषा, एक राष्ट्र और एक देश है। उड़िया एक राष्ट्र, एक भाषा और एक देश है। ऐसी सभी राष्ट्रीय श्रेणियां भारत का निर्माण करती हैं। तो, भारत एक देश नहीं है, यह एक उपमहाद्वीप है जिसमें विभिन्न प्रथाएं, परंपराएं और संस्कृतियां हैं।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और ओडिशा जैसे राज्यों में अपनी-अपनी स्थानीय संस्कृति है। उन्होंने कहा, “मणिपुर में कुत्ते का मांस खाया जाता है, जो एक सांस्कृतिक पहलू है। कश्मीर में एक संस्कृति है। हर संस्कृति को मान्यता देनी होगी। अगर कोई समुदाय बीफ खाता है तो उसे मानिए, आपकी समस्या क्या है । क्या उन्होंने आपसे खाने के लिए कहा। यही विविधता में एकता है। हमारे बीच अंतर है और इसे स्वीकार करना होगा।”