Edited By Ramanjot, Updated: 13 Jul, 2021 03:01 PM
कोरोना महामारी को लेकर बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण स्थानीय निकाय से चुनकर आने वाले 24 विधान पार्षदों की सीट 16 जुलाई के बाद से खाली हो जाएगी। पंचायत चुनाव नहीं होने से फिलहाल इन सीटों को भरा नहीं जा सकता है। ऐसे में 26 जुलाई से...
पटनाः बिहार विधान मंडल के इस बार के मॉनसून सत्र से पूर्व ही चौबीस विधान पार्षदों की सीट रिक्त हो जाने से दलीय संख्याबल के आधार पर परिषद की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी।
कोरोना महामारी को लेकर बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण स्थानीय निकाय से चुनकर आने वाले 24 विधान पार्षदों की सीट 16 जुलाई के बाद से खाली हो जाएगी। पंचायत चुनाव नहीं होने से फिलहाल इन सीटों को भरा नहीं जा सकता है। ऐसे में 26 जुलाई से शुरू हो रहे बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में विधान परिषद के अंदर दलीय स्थिति बदल जाएगी।
विधान परिषद में हालांकि 16 जुलाई के बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का ही दबदबा बना रहेगा। सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू ) संख्या बल के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भारी रहेगा। बदली हुई तस्वीर में जदयू सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जहां 22 सदस्यों के साथ सदन में मौजूद रहेगी वहीं भाजपा के 15 सदस्य रहेंगे।
कुल 75 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद में अभी जदयू सदस्यों की संख्या 28 है। वहीं, भाजपा सदस्यों की संख्या 26 है। जदयू की भाजपा से अभी दो सीट अधिक है लेकिन 16 जुलाई के बाद स्थिति बदल जाएगी। जदयू और भाजपा के बीच सात सीटों का अंतर हो जाएगा। ऐसे में जदयू इस सदन में बड़े भाई की भूमिका में रहेगा।