बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था के 826 करोड़ के अनुबंध किए गए रद्द

Edited By Ramanjot, Updated: 25 Jun, 2024 12:50 PM

contracts worth rs 826 crore for rural water supply were cancelled

विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा, “विभाग की जांच से पता चला है कि राज्य में पिछली राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति...

पटना: बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नीत पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिए गए 826 करोड़ रुपए के अनुबंधों को रद्द कर दिया है। एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य सरकार का लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में “अनियमितताओं” का हवाला देते हुए 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं। 

”जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी”
विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा, “विभाग की जांच से पता चला है कि राज्य में पिछली राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े 350 ठेकों (826 करोड़ रुपए के) के आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। ये ठेके हैंडपंप, मिनी जलापूर्ति व्यवस्था आदि की स्थापना से संबंधित थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मैंने हाल में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी...जिसके बाद इन ठेकों को रद्द करने का आदेश जारी किया गया।” मंत्री ने कहा, “विभाग ने इन ठेकों से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भी राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को सौंप दी है, ताकि गहन जांच हो सके...जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान राजद नेता ललित यादव पीएचईडी मंत्री थे। 

बांका में सबसे अधिम 106 अनुबंध किए गए रद्द
नीरज कुमार सिंह ने कहा, “17 महीनों में पिछली सरकार ने पीएचईडी विभाग के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1160 ठेके दिए थे। हमने अब तक 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं, शेष की जांच की जा रही है।'' हालांकि, मंत्री ने विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई अनियमितताओं का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया और कहा, "इनके बारे में बताने का यह उचित समय नहीं है क्योंकि मामले की जांच एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जा रही है।" दस्तावेजों के अनुसार, बांका जिला इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित अधिकतम 106 अनुबंध रद्द किए गए हैं। जमुई में 73, लखीसराय में 20 , औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 अनुबंध रद्द किए गए हैं। 

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