NPGC के पास सिर्फ 10 दिन का कोयला शेष, प्लांट के लिए 5 लाख टन कोयले का दिया गया ऑर्डर

Edited By Ramanjot, Updated: 05 May, 2022 05:25 PM

order of five lakh tonnes of coal for npgc plant

एनपीजीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार पांडेय के अनुसार, इसके अलावा सीसीएल के साथ कोयला आपूर्ति समझौते के साथ बीसीसीएल से अतिरिक्त तीन लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया जा रहा है। अगले सप्ताह तक ठेका प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।...

औरंगाबादः राष्ट्रव्यापी कोयला संकट को देखते हुए, एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एनपीजीसी ने कोयले की उपलब्धता के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए पांच लाख टन आयातित कोयले का ऑडर्र दिया है। एनपीजीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार पांडेय के अनुसार, इसके अलावा सीसीएल के साथ कोयला आपूर्ति समझौते के साथ बीसीसीएल से अतिरिक्त तीन लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया जा रहा है। अगले सप्ताह तक ठेका प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में एनपीजीसी के पास 10 दिनों का कोयला स्टॉक उपलब्ध है।

राजकुमार पांडेय ने कहा कि वर्तमान में एनपीजीसी की दो इकाइयों से व्यावसायिक उत्पादन किया जा रहा है। इन दोनों इकाइयों की कुल उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट है। उन्होंने कहा कि 660 मेगावाट की तीसरी इकाई वाणिज्यिक बिजली उत्पादन के लिए तैयार है, लेकिन देश में व्याप्त कोयला संकट को देखते हुए, अभी तक कॉर्पोरेट केंद्र द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। तीसरी इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन तभी शुरू किया जा सकता है जब इस परियोजना के साथ कम से कम 9 रेक कोयला उपलब्ध हो। आम तौर पर, भारतीय रेलवे के एक रेक में 59 वैगन होते हैं, जिसमें 3800 से 4000 टन कोयला होता है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मुताबिक, अब कोयले के रेक कम मिल रहे हैं। यदि तीनों इकाइयां पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर दें तो इस बिजली परियोजना के लिए रोजाना नौ हजार टन कोयले की जरूरत होगी। ऐसे में कोयले की उपलब्धता को लेकर कुछ झिझक है और इस वजह से तीसरी इकाई से व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। वैसे उम्मीद है कि 15 मई तक स्थिति में सुधार होगा। पांडेय ने कहा कि एनपीजीसी का पहला प्रयास अपनी दो इकाइयों से 85 प्रतिशत से अधिक बिजली उत्पादन करना है, क्योंकि यदि उत्पादन मात्रा इससे कम है तो परियोजना अपनी स्थापना लागत को भी पूरा नहीं कर सकती है।

इस बीच, झारखंड और सिक्किम ने परियोजना की पहली और दूसरी इकाइयों से उन्हें आवंटित बिजली का अपना कोटा सरेंडर कर दिया है। अब झारखंड और सिक्किम को मिलने वाली बिजली की आपूर्ति गुजरात को की जाएगी। तीसरी इकाई में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि बिहार को यहां पैदा होने वाली बिजली का 85 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश को दस फीसदी बिजली मिलनी है। बाकी चार फीसदी झारखंड को और एक फीसदी सिक्किम को देना था, जिसे उन्होंने सरेंडर कर दिया है। गुजरात को अब यह पांच फीसदी बिजली मिल रही है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!