Edited By Ramanjot, Updated: 14 Nov, 2021 03:23 PM
मंगल पांडेय ने शनिवार को कहा कि शिशु के पहले 28 दिन उसके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और यह बच्चे के विकास की नींव रखते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग नवजात की समुचित देखभाल और उसके बचपन को खुशहाल बनाने के लिए जगरूकता अभियान...
पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को कहा कि नवजात की समुचित देखभाल के लिए राज्य में 15 से 21 नवंबर तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
मंगल पांडेय ने शनिवार को कहा कि शिशु के पहले 28 दिन उसके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और यह बच्चे के विकास की नींव रखते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग नवजात की समुचित देखभाल और उसके बचपन को खुशहाल बनाने के लिए जगरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। यह अभियान 15 से 21 नवंबर तक राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह के रूप में चलाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत हर वर्ग को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा, जिसके जरिए शिशुओं को ‘आयुष्मान' बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि एसआरएस 2018 के आंकड़ों के अनुसार एक हजार में से करीब 25 बच्चों की जान जन्म से 28 दिनों के बीच ही चली जाती है इसलिए नवजात शिशु की देखभाल के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है ताकि नवजात का बचपन खुशहाल बन सके। इस सप्ताह के दौरान लोगों को नवजात शिशु स्वास्थ्य के साथ बेहतर देखभाल के बारे में जागरूक किया जाएगा।
पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह के दौरान स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट का संचालन, न्यूबॉर्न केयर कॉर्नर को सशक्त करने के लिए विशेषज्ञों की टीम जिलों का दौरा करेगी। इसके अलावा समुदाय स्तर पर आशा दीदियों द्वारा संस्थागत प्रसव के प्रथम दिन के बाद से ही गृह भ्रमण कर स्वास्थ्य की नियमित देखभाल की जाती है। कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा ताकि नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिहार में शिशु मृत्यु दर 29 प्रति हजार है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2019 की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बिहार की शिशु मृत्यु दर 32 से तीन अंक घटकर राष्ट्रीय औसत से भी नीचे 29 पर पहुंच गई है। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। सरकार के प्रयास का ही नतीजा है कि मातृत्व, शिशु और नवजात मृत्यु दर में निरंतर कमी आई है।