Edited By Diksha kanojia, Updated: 24 May, 2022 03:08 PM
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर गुणवत्तापूर्ण बीज किसानों को कृषि निदेशालय ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए वितरित कर रहा है। इस व्यवस्था से किसानों को बीज की समय पर उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। समय से बीज उपलब्ध...
रांचीः कृषि कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण बीज झारखंड के इतिहास में पहली बार समय से पहले किसानों के बीच वितरण की प्रक्रिया शुरू हुई है। बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को खरीफ फसल के बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर 11 मई 2022 से उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर गुणवत्तापूर्ण बीज किसानों को कृषि निदेशालय ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए वितरित कर रहा है। इस व्यवस्था से किसानों को बीज की समय पर उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। समय से बीज उपलब्ध कराने के कारण किसानों द्वारा बीज की मांग में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। धान, अरहर, रागी, मूंगफली, मक्का, उड़द और मूंग की 38, 640 क्विंटल बीज की मांग पहली बार मई 2022 में अब तक पूरी की जा चुकी है। खरीफ सीजन में वितरित कुल बीज में 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं दलहन बीजों में भी अच्छी वृद्धि हुई है। नई सरकारी बीज एजेंसी के मनोनयन से बीज की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 4 से 16 प्रतिशत तक कम हो गईं हैं।
किसानों की समृद्धि के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बजटीय आवंटन पिछले वर्ष से लगभग दोगुना कर दिया गया है। किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार ने बीज मद में 40 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। खरीफ मौसम में मात्र एक महीने में ही 101065 किसानों को ब्लॉकचेन आधारित बीज ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म पर निबंधित कर लिया गया है। साथ ही 123 एफपीओ को भी पंजीकृत किया गया है। निबंधन की प्रक्रिया जारी है। इस प्रणाली से बीज के साथ कृषि निदेशालय की अन्य सरकारी कृषि योजनाओं का भी लाभ निबंधित किसानों व एफपीओ को दिया जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने पर किसानों के निबंधित मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा, जिसके माध्यम से ही वितरण की पुष्टि होगी।