बाबूलाल मरांडी ने संथाल परगना की बदलती डेमोग्राफी को लेकर सरकार को घेरा, कहा- यह डेमोक्रेसी के लिए खतरा

Edited By Ramanjot, Updated: 27 Jul, 2024 08:58 AM

marandi surrounded government over changing demography of santhal pargana

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र की डेमोग्राफी में अप्रत्याशित बदलाव आए हैं। डेमोग्राफी का यह परिवर्तन डेमोक्रेसी के लिए खतरा है। जो सबके लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन में सबसे ज्यादा अगर कोई समुदाय प्रभावित हुआ है वह...

रांची: झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने फिर एकबार संथाल परगना की बदलती डेमोग्राफी पर राज्य सरकार को घेरा। मरांडी ने मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही है। 

"डेमोग्राफी का परिवर्तन डेमोक्रेसी के लिए खतरा"
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र की डेमोग्राफी में अप्रत्याशित बदलाव आए हैं। डेमोग्राफी का यह परिवर्तन डेमोक्रेसी के लिए खतरा है। जो सबके लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन में सबसे ज्यादा अगर कोई समुदाय प्रभावित हुआ है वह है जनजाति समाज। 

मरांडी ने 1951और 2011के जनगणना रिपोर्ट के आधार पर प्रकाशित आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड में वर्ष 1951में आदिवासियों की आबादी 36%, सनातनी हिंदू 87.9% और मुस्लिम आबादी 8.9% थी। जबकि 2011 में आदिवासी 26% हो गए और मुस्लिम 14.5% और सनातनी 81.17% हो गए। अर्थात आदिवासी घटे, सनातनी घटे और मुस्लिम बढ़े। उन्होंने संथाल परगना का आंकड़ा बताते हुए कहा कि यहां की स्थिति तो खतरे की घंटी तक पहुंच गया। यहां अलार्मिंग स्थिति है। 

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