अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाली कोच प्रतिमा बरवा को खिलाड़ियों ने दिया सम्मान पूर्वक विदाई

Edited By Nitika, Updated: 09 Apr, 2024 04:38 PM

players bid farewell to coach pratima

झारखंड सरकार खेल विभाग द्वारा संचालित आवासीय हॉकी प्रशिक्षण केंद्र सिमडेगा में विगत 15 वर्षो से अधिक समय तक प्रशिक्षक के रूप में सेवा देने वाली हॉकी कोच प्रतिमा बरवा का स्थानांतरण पिछले माह उनके गृह जिला खूंटी स्थित आवासीय सेंटर खूंटी में हो गया और...

 

रांचीः झारखंड सरकार खेल विभाग द्वारा संचालित आवासीय हॉकी प्रशिक्षण केंद्र सिमडेगा में विगत 15 वर्षो से अधिक समय तक प्रशिक्षक के रूप में सेवा देने वाली हॉकी कोच प्रतिमा बरवा का स्थानांतरण पिछले माह उनके गृह जिला खूंटी स्थित आवासीय सेंटर खूंटी में हो गया और वे वहा योगदान भी दे चुकी है।

खूंटी में योगदान देने के बाद अपना समान वगैरह लेने के लिए सिमडेगा आयु तब उन्हें जिला प्रशासन सिमडेगा की ओर से खेल विभाग, हॉकी सिमडेगा और हॉकी खिलाड़ियों ने एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम सिमडेगा में विदाई समारोह कार्यक्रम आयोजित कर सम्मान पूर्वक विदाई दिया। इस अवसर पर उन्हें उनके कमरा से लेकर एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम तक ढोल, नगाड़ा के बाजे गाजे के साथ दोनो ओर से हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी स्टिक उठाकर उन्हें स्वागत करते हुए, मैदान तक लाए। मैदान में उन्हे बैठाकर उन्हे पारंपरिक रीति रिवाज से स्वागत किया गया। इसके अलावा हॉकी खिलाड़ियों ने उन्हें स्व. हस्ताक्षरित हॉकी स्टिक और बुके भेंट की तथा उन्हें फूलमाला से लाद दिया गया। जिला प्रशासन सह खेल विभाग को और से जिला खेल पदाधिकारी प्रवीण कुमार एवं अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बुके और मोमेंटो देकर तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

जिला खेल पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि मुझे पूर्व से भी जानकारी है और मैं यहां देख भी रहा हूं वे बहुत अच्छा कोचिंग देने के साथ खिलाड़ियों के दुख सुख में भी सहयोग करती है, जिस तरह उन्होंने सिमडेगा में कार्य किया है उसे भुलाया नही जा सकता अभी उनका तबादला सिमडेगा से खूंटी हो गया है और संयोग से वहा का भी खेल पदाधिकारी मैं ही हूं। उनको वहां भी पूरा सहयोग मिलेगा, जिस तरह आपने सिमडेगा को सींचा है हमारी शुभकामनाएं है खूंटी में उसी उत्साह और लगन के साथ हॉकी को सींचकर एक नई ऊंचाई तक पहुंचाएगी। हॉकी सिमडेगा की ओर से अध्यक्ष मनोज कोनबेगी एवम अन्य पदाधिकारियों ने उन्हे हॉकी स्टिक, बुके और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही फलदार पौधे भेंट करते हुए कहा कि जिस तरह आपने विगत 15 वर्षों से भी अधिक समय तक हमलोगों के साथ रहकर सिमडेगा जैसे हॉकी के छोटे पौधे को सींचकर एक फलदार पेड़ बनाया है, उसी तरह हॉकी सिमडेगा एक और नया पौधा खूंटी हॉकी को सींचने के लिए भेंट कर रहा है। हमारी शुभकामना है आप खुटी जिला में भी नया अध्याय बनाएंगे।

हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष ने कहा विगत 15 वर्षों से भी अधिक समय तक हमलोगो को सिमडेगा के हॉकी को आगे बढ़ाने ने अपना योगदान दी है, जिसका मैं जितना भी वर्णन करु वह कम हो जाएगा, उनके सहयोग का हॉकी सिमडेगा हमेशा ऋणी रहेगा। सिमडेगा के सुदूरवर्ती इलाका में हॉकी प्रतिभा खोज या खेल हो या देश के किसी भी कोना में राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक छोटी बहन की तरह मेरे साथ खड़ा रही और हॉकी को आगे बढ़ाने में सहयोग करते रही। किस तरह हमलोगों ने इनके साथ मिलकर इस झुड़झाकड़ वाले ऊबड़ खाबड़ वाले मैदान को समतल कर हॉकी की शुरुआत कि जो अब देश का सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाला एस्ट्रोटर्फ बन चुका है। इन्होंने अपनी सेवा से देश और राज्य को जितना खिलाड़ी दे चुके है वे नए प्रशिक्षकों के लिए चुनौती है। हॉकी सिमडेगा मनोज कोणबेगी ने उपस्थित नए पदस्थापित प्रशिक्षकों से भी कहा की आपलोग भी अच्छा से कार्य और जिला ही नही वरन देश की हॉकी का सम्मान बढ़ाए। सिमडेगा में प्रतिभा की कमी नही है बस अपलोग ईमानदारी पूर्वक कार्य करेंगे और सेंटर में खिलाड़ियों चयन में भाई, भतीजा बाद से दूर रहते हुए पारदर्शी पूर्वक प्रतिभा का चयन करेंगे तो 2028, 32 और 36 के ओलंपिक में सिमडेगा और झारखंड के नाम रहेगा। प्रतिमा बरवा जब यहां आई थी तब यहा कोई भी सुविधाएं नही थी फिर भी उन्होंने अपने कबलियत से एक इतिहास बनाई है। अपलोग के पास सारी सुविधाएं है बस आपलोग निष्ठापूर्वक कार्य करते रहे हॉकी सिमडेगा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का मंच देता रहेगा।

कोच प्रतिमा बरवा ने कहा कि मैं अपने खेल और विद्यार्थी जीवन की समाप्ति के बाद छात्रवास से सीधे सिमडेगा आई तब से ही जितना हो सका अपना योगदान दिया, जब मैं वहा आई थी थी एकदम शून्य के समान थी किसी बड़े लोगों से अपनी बात भी नहीं रख पाती थी, हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारियों ने मुझे सभी तरह से सहयोग किया और हमेशा मेरे साथ साए की तरह खड़ा रहे, जिसके फलस्वरूप आज हमारे सेंटर के कई खिलाड़ी देश विदेश में जिला, राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे है। हॉकी संघ, जिला प्रशासन और सिमडेगा वासियों ने मुझे अपार प्रेम दिया, जिसे मैं भुला नहीं सकती हूं। भले ही मैं सिमडेगा से जा रही हूं पर हॉकी और आप लोगों के साथ हमेशा रहूंगी, मुझे उम्मीद है खूंटी के हॉकी के विकास में आप लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।

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