प्रो. हांसदा के शिक्षा में योगदान को भुलाया नहीं जा सकता: रघुवर दास

Edited By Nitika, Updated: 20 Nov, 2020 10:52 AM

pro hansda contribution to education cannot be forgotten

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने पद्मश्री से सम्मानित जाने-माने शिक्षाविद, लेखक एवं समाजसेवी प्रो. दिगम्बर हांसदा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।

 

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने पद्मश्री से सम्मानित जाने-माने शिक्षाविद, लेखक एवं समाजसेवी प्रो. दिगम्बर हांसदा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।

रघुवर दास ने कहा कि प्रो. हांसदा एक मृदुभाषी एवं मिलनसार व्यक्ति थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने प्रो. हांसदा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को देखते हुए सरकार से राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि संताली भाषा एवं साहित्य के विकास में इनका काफी योगदान रहा है। हिन्दी एवं संताली भाषा में इनकी कई पुस्तकें हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय संविधान का इन्होंने संताली में अनुवाद किया है। इंटरनेशनल संताल काउंसिल के संस्थापक चेयरमैन एवं गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में इन्होंने काफी काम किया है। जमशेदपुर के आदिवासी क्षेत्र में पहला कॉलेज खोलने का श्रेय भी प्रो. हांसदा को जाता है। वे जमशेदपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज के संस्थापक सदस्य थे। उनके निधन से शिक्षा जगत को भारी क्षति हुई है।
 

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