Edited By Diksha kanojia, Updated: 02 Mar, 2022 06:01 PM
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने इस मामले में सरकार को कार्रवाई का निर्देश दिया, वहीं संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जांच के बाद सरकार दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी।
रांचीः झारखंड के बाबानगरी देवघर में महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना करने गयी कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ दुर्व्यवहार का मामला आज विधानसभा में उठा। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने इस मामले में सरकार को कार्रवाई का निर्देश दिया, वहीं संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जांच के बाद सरकार दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी।
इस मामले में पक्ष-विपक्ष के सदस्य एकजुट दिखे। विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही अंबा प्रसाद अपने साथ एक टैब लेकर आसन के निकट पहुंच गयी और स्पीकर को देवघर में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया। कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद को विपक्षी भाजपा विधायकों का साथ भी साथ मिला। स्पीकर के आग्रह पर जब पक्ष-विपक्ष के सदस्य अपनी सीट पर जाकर बैठे और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हुई, तो भाजपा के विरंची नारायण ने इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बाबा मंदिर श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री है, लेकिन दो वर्ष से बोर्ड की एक भी बैठक नहीं हुई है और वहां अराजकता का माहौल है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अंबा प्रसाद का अपमान नहीं है, बल्कि सारे सदस्यों का अपमान है।
विधायक अंबा प्रसाद ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महाशिवरात्रि के दिन देवघर मंदिर की व्यवस्था बहुत खराब थी। आम श्रद्धालुओं को भारी दिक्कत हो रही थी, इसे देखते हुए उन्होंने एसडीओ को बुलाने का आग्रह किया, लेकिन एसडीओ इतने घंमडी निकले कि उन्होंने जनप्रतिनिधि से आकर मिलने की बजाय उन्हें ही खुद ऑफिस में बुलवाया। एसडीओ से मिलने पहुंची, तो उन्होंने उनका अभिवादन भी किया, लेकिन एसडीओ ने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि वे भी विधायक बन सकते है।
अंबा प्रसाद ने आरोप लगाया है कि मंदिर परिसर में उनके पीए को उनके सामने ही घसीट कर बाहर निकाला गया। जबकि मंदिर के महाप्रबंधक ने उनके साथ बहस की। स्पीकर महतो ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि अधिकारियों का मन बहुत बढ़ गया है, सरकार एक्शन लें। स्पीकर के कहने पर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन को भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी और जिसने भी अनुशासन तोड़ा है, उस पर कार्रवाई होगी।