Edited By Swati Sharma, Updated: 30 Mar, 2025 12:27 PM

Motihari News: बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के सीमावर्ती शहर रक्सौल से फर्जी मार्केटिंग कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर 400 युवाओं को मुक्त (400 Youths Were Freed From The Thug Gang) कराया गया है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने शनिवार को बताया कि...
Motihari News: बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के सीमावर्ती शहर रक्सौल से फर्जी मार्केटिंग कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर 400 युवाओं को मुक्त (400 Youths Were Freed From The Thug Gang) कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने शनिवार को बताया कि सूचना मिली थी कि बिन मेकर और डीबीआरओ नामक दो कम्पनियों के द्वारा दवा के कारोबार की आड़ में किशोरों और युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी की जा रही है। इन कंपनियों का नेटवर्क बिहार, उत्तर प्रदेश, नेपाल, उड़ीसा समेत कई राज्यों तक फैला हुआ है। इस सूचना के आधार पर पूर्वी चंपारण जिले की पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 47वीं बटालियन ने संयुक्त रूप से दो फर्जी मार्केटिंग कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान चार लड़की, कुछ नाबालिग बच्चे समेत 400 युवकों को मुक्त कराया गया। इस कार्रवाई का नेतृत्व रक्सौल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार और एसएसबी के सहायक समादेष्टा दीपक कृष्णा ने संयुक्त रूप से किया इस मामले में ग्रुप संचालक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह केवल ठगी का ही मामला नहीं है, बच्चों को बंधक बनाकर भी रखा जाता था। इसकी गहन जांच की जा रही है और श्रम विभाग को भी सूचित किया गया है।
प्रभात ने बताया कि किशोरों और युवकों को नौकरी और प्रशिक्षण के नाम पर बहलाकर कर बुलाया गया था। नौकरी के नाम पर उनसे पैसे लिए जाते थे और दवा पैकिंग जैसे काम करवाए जाते थे। एक बार इस रैकेट में शामिल होने के बाद ये बाहर की दुनिया से कट जाते थे। छापेमारी से पूर्व रक्सौल में हर दिन 100 से 500 ऐसे बच्चों को फॉर्मल ड्रेस में शहर के अलग-अलग इलाकों में देखा जाता था। ये बच्चे नागा रोड, कोइरिया टोला, ब्लॉक रोड, सैनिक रोड, कौड़ीहार, मौजे इलाकों में सक्रिय दिखते थे।