"कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के मसीहा और सच्चे राजनेता थे", दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री की 101वीं जयंती पर बोले उपराष्ट्रपति धनखड़

Edited By Harman, Updated: 24 Jan, 2025 02:56 PM

vice president spoke on the 101st birth anniversary karpuri thakur

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत रत्न जननायक स्व.कर्पूरी ठाकुर की 101वीं राजकीय जयंती समारोह आज उनके पैतृक गांव समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम समेत विभिन्न स्थानों पर मनाया जा रहा है। मुख्य समारोह स्व.कर्पूरी के पैतृक गांव समस्तीपुर के कर्पूरी...

Karpuri Thakur Birth Anniversary: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत रत्न जननायक स्व.कर्पूरी ठाकुर की 101वीं राजकीय जयंती समारोह आज उनके पैतृक गांव समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम समेत विभिन्न स्थानों पर मनाया जा रहा है। मुख्य समारोह स्व.कर्पूरी के पैतृक गांव समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम मे आयोजित किया गया। इस अवसर पर आयोजित कर्पूरी चर्चा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल गरीबों और वंचितों के हित में किया। उपराष्ट्रपति ने कहा,कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के मसीहा थे। वह हमेशा समानता, बंधुत्व और सभी के लिए न्याय में विश्वास रखते थे। 

"कर्पूरी ठाकुर भारत में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण के पर्याय थे"
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर भारत में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण के पर्याय थे, जिन्होंने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। ठाकुर को पिछले साल केंद्र सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था। धनखड़ ने कहा, कर्पूरी ठाकुर एक सच्चे राजनेता थे... वह एक अपवाद थे और उन्हें जननायक के रूप में जाना जाता था। उन्हें देश में सामाजिक न्याय के विचार को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें भारत रत्न देने का सरकार का फैसला हाशिए पर पड़े लोगों के एक चैंपियन तथा समानता और सशक्तीकरण के एक दिग्गज के रूप में उनके सतत प्रयासों का प्रमाण है।

"बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कर्पूरी ठाकुर का कार्यकाल उल्लेखनीय था"
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ठाकुर ने सुनिश्चित किया कि शिक्षा उन लोगों के लिए सुलभ हो जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर थे। उन्होंने कहा कि ठाकुर ने ‘मैट्रिक (दसवीं कक्षा के)' पाठ्यक्रम से अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप में हटा दिया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों और दलित वर्ग के लिए आरक्षण की स्थिति तैयार करने में उनके प्रयास महत्वपूर्ण थे। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उल्लेखनीय था।

शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने समस्तीपुर में गोखुल कर्पूरी फुलेश्वरी डिग्री कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण भी किया। उपराष्ट्रपति ने कर्पूरी ग्राम में स्मृति भवन में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इससे पहले, पटना के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने धनखड़ का स्वागत किया। इसके बाद वे उपराष्ट्रपति समस्तीपुर के लिए रवाना हो गए। वहीं इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी चौधरी ने गर्मजोशी से स्वागत किया। 

'जननायक' के नाम से मशहूर ठाकुर भारत रत्न पाने वाले 49वें व्यक्ति
बता दें कि बिहार में ओबीसी राजनीति के प्रमुख नेता माने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को पिछले साल उनकी जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए नामित किया गया था। ठाकुर का 1988 में निधन हो गया था। वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दो बार मुख्यमंत्री बने थे: पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए और बाद में 1977 में दो साल के लिए। 'जननायक' के नाम से मशहूर ठाकुर भारत रत्न पाने वाले 49वें व्यक्ति हैं।


 

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