Edited By Ramanjot, Updated: 30 Jul, 2021 05:58 PM
दरअसल, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद और संसद में पार्टी के नेता राजीव रंजन सिंह के एक सवाल पर केंद्र सरकार ने ये जवाब दिया है। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि नीति आयोग की 2020-21 की रिपोर्ट में बिहार को देश का सबसे...
पटनाः केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। 115 क्षेत्रों में बिहार को 100 में से 52 अंक मिले हैं, जो कि सभी राज्यों से कम हैं।
दरअसल, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद और संसद में पार्टी के नेता राजीव रंजन सिंह के एक सवाल पर केंद्र सरकार ने ये जवाब दिया है। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि नीति आयोग की 2020-21 की रिपोर्ट में बिहार को देश का सबसे पिछड़ा राज्य बताया है, अगर यह सही है कि इसके पीछे की वजह क्या है। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार बिहार को विशेष दर्जा देने की काफी समय से लंबित मांग पर विचार कर रही है।
इस पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा कि बिहार के कम स्कोर के लिए गरीबी, 15 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए खराब शिक्षा, मोबाइल और इंटरनेट का कम इस्तेमाल है। बिहार में 100 लोगों मे महज 50.65 लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। राज्य में लोग केवल 39.99% इंटरनेट का इस्तेमाल करते है।
इसके आगे केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि बिहार में 33.74% लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं। अगर वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक की बात करें तो यह फीसदी बढ़कर 52.5 हो जाता है केवल 12.3 % परिवार के लोग हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में हैं। 42 फीसदी 5 वर्ष के कम उम्र के बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। 15 वर्ष से ऊपर के लोगों की साक्षरता 64.7% है।