बिहार में सड़क बनने के बाद 7 साल तक करनी होगी मरम्मत, मंत्री अशोक चौधरी ने दिए निर्देश- ‘जून तक राज्य की सभी सड़कें हो गड्ढामुक्त’

Edited By Mamta Yadav, Updated: 10 Jan, 2025 11:45 PM

construction of the road in bihar repair will have to be done for 7 years

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पथों का दीर्घकालीन अवधि अर्थात 07 वर्षो तक Riding Quality मानक के अनुरुप रखा जायेगा। इस 07 वर्षो में पथ के कालीकृत भाग पर दो बार कालीकरण का कार्य किया जायेगा। इस कार्यक्रम के लागू किये जाने से पूर्व से...

Patna News: ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन निर्मित एवं पंचवर्षीय रुटीन अनुरक्षण/ Defect Liability अवधि से बाहर हुए या बाहर होने वाले सभी ग्रामीण पथों के नियमित एवं व्यवस्थित पुनर्निर्माण /उन्नयन/ नवीनीकरण हेतु मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत एक नये अवयव के रुप में ‘‘ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम‘‘ को 14.11.2024 को मद संख्या-3 के रुप में लागू करने का बिहार मंत्रिपरिषद् द्वारा निर्णय लिया गया है।

‘बारिश के मौसम से पहले गांवों की सड़कें हो गड्ढामुक्त’
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पथों का दीर्घकालीन अवधि अर्थात 07 वर्षो तक Riding Quality मानक के अनुरुप रखा जायेगा। इस 07 वर्षो में पथ के कालीकृत भाग पर दो बार कालीकरण का कार्य किया जायेगा। इस कार्यक्रम के लागू किये जाने से पूर्व से ग्रामीण पथों के रुप में सृजित परिसम्पितियों को क्षरण से बचाया जा सकेगा एवं ग्रामीणों को बेहतर आवागमन की सुविधा प्रदान होगी। साथ ही निर्देश दिया गया कि इस साल जून यानी बारिश के मौसम से पहले गांवों की सड़कों को गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री, बिहार की यह परिकल्पना की राज्य के किसी भी सूदूरवर्ती क्षेत्र से राज्य की राजधानी पटना अधिकतम 05 घंटे में पहुँचने को साकार किया जा सकेगा।

सड़क में पाई गई गड़बड़ी तो होगी कार्रवाई: मंत्री
इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु संवेदक को Rapid Response Vehicle रखना अनिवार्य होगा ताकि पथ में यदि कोई Defect परिलक्षित हो तो उसे Response Time के अन्तर्गत ठीक कराया जा सके। इस हेतु संवेदक को अतिरिक्त कोई भुगतान नहीं किया जा सकेगा। यदि निर्धारित Response Time के अन्तर्गत पथ में पाये गये त्रुटियों को संवेदक द्वारा ठीक नहीं कराया जाता है तो उसके लिये संवेदक के विपत्र से नियमानुसार कटौती एवं आवश्यक दण्डात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही चयनित पथ के आरेखन पर पड़ने वाले ब्ण्क् संरचनाओं के निर्माण/ पुनर्निर्माण/ उन्नयन, पथ सुरक्षा कार्य एवं जल निकास (ड्रेनेज) का कार्य भी किया जा सकेगा। साथ ही सड़क सुरक्षा कार्य योजना का अनुपालन करते हुये आवश्यक सड़क संकेतो/रोड फर्निचर का प्रावधान किया जा सकेगा।

  • इस कार्यक्रम के तहत कार्यों का क्रियान्वयन गुणवत्तापूर्ण किया जाना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसके लिए त्रिस्तरीय जाँच की व्यवस्था की गयी है।
  • इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 14860 पथों (लम्बाई- 26700 कि0मी0) जिसके पर 21500 करोड़ रुपये व्यय  होगा।
  • इस पथों का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पहली बार APP के माध्यम से तैयार करने हेतु विभाग द्वारा 36 DPR परामर्शी का चयन किया गया है। APP के माध्यम से पूर्ण पारदर्शिता के साथ DPR तैयार करने में सुविधा होगी।
  • वर्तमान में कुल 12800 पथों का Topography Survey एवं 11350 पथों का Traffic Survey कर लिया गया है।
  • कुल 4300 पथ जिसकी लम्बाई लगभग 7000 कि0मी0 है, का विस्तृत योजन प्रतिवेदन (DPR)  प्राप्त हो गया है एवं स्वीकृति की प्रक्रिया में है। शेष पथों का DPR इसी माह में प्राप्त कर इसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदान कर ई-निविदा के माध्यम से कार्य आवंटन का लक्ष्य है।
  • इस वित्तीय वर्ष में इस योजनान्तर्गत 500 करोड़ का व्यय संभावित है।
  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग 10000 कि0मी0 पथों की स्वीकृति कर कार्य प्रारंभ कराने का लक्ष्य है।
  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रथम तिमाही में लगभग 2000 करोड़ एवं शेष 09 माह की अवधि में 8000 करोड़ व्यय संभावित है।
  • वित्तीय वर्ष 2026-27 में लगभग 12000 कि0मी0 पथों की स्वीकृति प्रदान करने का लक्ष्य है जो आगे के वर्षो में सतत रुप से पंचवर्षीय रुटीन अनुरक्षण /क्ममिबज स्पंइपसपजल अवधि से बाहर हुए पथों को संधारित करने हेतु इस योजना से स्वीकृति प्रदान की जायेगी।


2. मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष):-
बिहार राज्य में 100 या इससे अधिक आबादी वाले अनजुड़े बसावटों/टोलों को बारहमासी एकल सड़क, सम्पर्कता प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष) प्रारंभ की गयी है। वर्ष 2021 में एप के माध्यम से सर्वेक्षण कराया गया था, जिसके आधार पर कुल 7209 बसावटों (8283 कि0मी0) का चयन किया गया था। जन प्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के माध्यम से लगातार प्राप्त हो रहे आवेदन के आलोक में छुटे बसावटों का एप के माध्यम से सर्वेक्षण किया जा रहा था। 01 नवम्बर 2024 तक MIS पर अंकित पथों का पुनः सर्वेक्षण कराया गया जिसके आधार पर कुल 13815 बसावटों (16654 कि0मी0) अनजुड़े पाये गये।

जिसमें से वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में 3070 करोड़ की लागत से 2794 बसावटों के लिए (2650 कि0मी0) पथों की स्वीकृति प्रदान करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6795 करोड़ की लागत से 2586 बसावटों (5480 कि0मी0) के लिए पथों की स्वीकृति प्रदान करने का लक्ष्य है, जिसके लिए ऑनलाइन मोबाईल एप के माध्यम से विभागीय Empaneled Consultant के माध्यम से डी0पी0आर0 तैयार किया जा रहा है। शेष 8435 बसावटों (8524 कि0मी0) को अगले दो वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किये जाने का लक्ष्य है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1100 करोड़ तथा अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम त्रैमासिक के लिए अनुमानित व्यय लगभग 1000 करोड़ एवं अंतिम नौ माह में लगभग 2000 करोड़ व्यय किये जाने का लक्ष्य है।

3. मुख्यमंत्री सेतु योजना:-

  • ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सम्पर्कता हेतु ग्रामीण पथों पर छूटे हुए पुल/ पहुँच पथ इत्यादि का निर्माण हेतु पूर्व में मुख्यमंत्री सेतु योजना लागू था। जिस योजना को बाद के वर्षो में बंद कर दी गयी थी।
  • पुनः लगभग 09 वर्ष बाद ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना‘‘ की शुरुआत की गयी है।
  • सके अन्तर्गत योजनाओं की स्वीकृति जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग द्वारा की जा रही है। अब तक 38 जिलों में से 37 जिलों से जिला संचालन समिति से अनुशंसित प्राथमिकता सूची प्राप्त हुयी है।
  • प्राप्त प्राथमिकता सूची के आधार पर चयनित पुलों के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने हेतु 13 DPR परामर्शी का चयन किया गया है। वर्तमान में चयनित DPR परामर्शी द्वारा 338 पुलों के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
  • इस योजना के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ की लागत से पुलों के स्वीकृति दी जानी है एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2000 करोड़ के लागत के पुलों की स्वीकृति प्रदान करने का लक्ष्य है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2000 करोड़ रुपये एवं वित्तीय वर्ष 2026-27 में 900 करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य है।


4. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाः-
इस योजनान्तर्गत 100 मीटर तक के लम्बाई के पुलों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग एवं 100 मीटर से अधिक लम्बाई वाले पुलों का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा कराया जायेगा। ग्रामीण कार्य विभाग की कार्यकारी एजेंसी बिहार ग्रामीण पथ विकास अभिकरण द्वारा कार्यान्वित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में जहाँ 4173 बसावटों को सम्पर्कता प्रदान करने हेतु 6601 कि0मी0 लम्बाई के पथों का निर्माण कर दोनों ही श्रेणियों में प्रथम स्थान पर रहते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार से पुरस्कार प्राप्त किया गया, वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3418 बसावटों को सम्पर्कता प्रदान कर 5226 कि0मी0 लम्बाई के ग्रामीण सड़कों का निर्माण करते हुए देश भर में क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2018-19 में अभिनव तकनीक से कार्य किये जाने हेतु देश में तृतीय स्थान का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

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