लोकसभा चुनाव: बिहार में अबतक 17 सीटों पर बुलंद हुआ है वामदल का ‘लाल झंडा', पिछले 4 सालों में नहीं खुला खाता

Edited By Ramanjot, Updated: 11 Apr, 2024 05:12 PM

left party s red flag raised on 17 seats in bihar lok sabha elections

वर्ष 1962 के चुनाव में पहली बार बिहार से वामदल का खाता खुला। पहली बार अविभाजित बिहार की जमशेदपुर लोकसभा सीट से भाकपा के उदयकर मिश्रा ने जीत हासिल की। वर्ष 1967 में भाकपा ने 05 सीट जीती। केसरिया से कमला मिश्र मधुकर, जयनगर से भोगेन्द्र झा, बेगूसराय से...

पटना: बिहार में अबतक हुए लोकसभा चुनाव में वामदल का ‘लाल झंडा' 17 सीटों पर बुलंद हुआ है। बिहार में वर्ष 1952 में पहले लोकसभा चुनाव से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव तक वामदल की प्रमुख पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के प्रत्याशी 17 सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। 

पहली बार भाकपा के उदयकर मिश्रा ने हासिल की थी जीत 
वर्ष 1962 के चुनाव में पहली बार बिहार से वामदल का खाता खुला। पहली बार अविभाजित बिहार की जमशेदपुर लोकसभा सीट से भाकपा के उदयकर मिश्रा ने जीत हासिल की। वर्ष 1967 में भाकपा ने 05 सीट जीती। केसरिया से कमला मिश्र मधुकर, जयनगर से भोगेन्द्र झा, बेगूसराय से वाई शर्मा, पटना से राम अवतार शास्त्री और जहानाबाद से चंद्रशेखर सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 1971 में भाकपा ने पांच सीट पर विजय हासिल की। केसरिया से कमला मिश्रा मधुकर, जयनगर से भोगेन्द्र झा, जमुई (सु) से भोला मांझी, पटना से राम अवतार शास्त्री और जहानाबाद से चंद्र शेखर सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 1980 में भाकपा ने 04 सीट पर चुनाव जीता। मोतिहारी से कमला मिश्रा मधुकर, बलिया से सूर्य नारायण सिंह, नालंदा से विजय कुमार यादव और पटना से राम अवतार शास्त्री ने जीत हासिल की। 1980 में हुए उपचुनाव में मधुबनी से भाकपा के भोगेन्द्र झा ने जीत दर्ज की थी। 

वर्ष 1991 में इन सीटों पर हासिल की जीत 
वर्ष 1984 के चुनाव में भाकपा प्रत्याशी नालंदा से विजय कुमार यादव और जहनाबाद से रामाश्रय प्रसाद सिंह विजयी बने। वर्ष 1989 में भाकपा ने 04 सीटें जीती। मधुबनी से भोगेन्द्र झा, बलिया से सूर्य नारायण सिंह, बक्सर से तेज नारायण सिंह और जहानाबाद से रामाश्रय प्रसाद सिंह जीते। इंडियन पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) के बैनर तले आरा संसदीय सीट से रामेश्वर प्रसाद चुनाव जीते थे। भाकपा माले पहले आईपीएफ के बैनर तले चुनाव लड़ते रहा है। वर्ष 1991 में भाकपा ने आठ सीट मोतिहारी से कमला मिश्रा मधुकर, मधुबनी से भोगेन्द्र झा, बलिया से सूर्य नारायण सिंह, मुंगेर से ब्रहानंद मंडल, नालंदा से विजय कुमार यादव, बक्सर से तेज नारायण सिंह, जहानाबाद से रामश्रय प्रसाद सिंह, हजारीबाग से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने जीत हासिल की। नवादा (सु) से माकपा प्रेमचंद राम विजयी बने। 

वामदल को सबसे अधिक जहानाबाद सीट पर मिली विजय
वर्ष 1996 में भाकपा को तीन सीटों पर जीत मिली। मधुबनी से चतुरानन मिश्रा, बलिया से शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और जहानाबाद से रामश्रय प्रसाद सिंह विजयी बने। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से माकपा प्रत्याशी सुबोध राय जीते। इसके बाद वर्ष 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी वामदल का खाता बिहार में नहीं खुला है। सीटों के लिहाज से देखा जाए तो वामदल को सबसे अधिक छह बार जहानाबाद सीट पर विजय मिली। इसके बाद बलिया और मधुबनी में चार-चार बार वामदल के प्रत्यशी ने जीत हासिल की। पटना और नालंदा सीट पर वामदल के प्रत्याशी तीन-तीन बार वामदल का झंडा बुलंद करने में सफल हुए। केसरिया,जयनगर, मोतिहारी, बक्सर और नवादा सीट पर वामदल के उम्मीदवारों ने दो-दो बार जीत हासिल की। इसके अलावा जमशेदपुर, बेगूसराय, जमुई, आरा, मुंगेर, हजारीबाग और भागलपुर सीट पर एक-एक बार वामदल के प्रत्याशियों ने वामदल का लाल झंडा बुलंद किया। 

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