Edited By Ramanjot, Updated: 15 Feb, 2021 05:51 PM
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अपनों के लिए अपनेपन से काम करना ही भारतीय संस्कृति है। भारतीय संस्कृति कहती है कि अपने समाज के लिए काम करो तब समाज विश्व के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य कृषि के भरोसे नहीं होता, उसके लिए कोई माध्यम...
मुजफ्फरपुरः आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुजफ्फरपुर जिले के कलमबाग चौक स्थित मधुकर भवन में नवनिर्मित संस्कृति उत्थान समिति न्यास भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संघी बनने से स्वार्थ मिट जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य कृषि के भरोसे नहीं होता, उसके लिए कोई माध्यम बनता है।
मोहन भागवत ने कहा कि अपनों के लिए अपनेपन से काम करना ही भारतीय संस्कृति है। संगठन हमेशा बड़ा होता है। भारतीय संस्कृति कहती है कि अपने समाज के लिए काम करो तब समाज विश्व के लिए काम करेगा। उन्होंने संस्कृति उत्थान समिति के इस भवन के संदर्भ में कहा कि आर्य भवन ढांचागत रूप में खड़ा है लेकिन इसके पीछे सोचने वाले मेहनत करने वाले कितने लोग हैं जिनको आज जानने वाला भी कोई नहीं मगर यह उनकी परिकल्पना का ही साकार रूप है। संचालन संस्कृति उत्थान समिति कोषाध्यक्ष चन्द्रमोहन खन्ना चन्नी ने स्वागत भाषण किया। भवन का विवरण समिति के प्रांतीय अध्यक्ष गौरीशंकर प्रसाद ने पटल पर रखा।
इस मौके पर प्रकाश नाथ मिस्र द्वारा लिखित शताब्दी से सहस्त्राब्दी पुस्तक विमोचन किया गया, जिसमें छह सरसंघचालक वर्णन, 51 प्रचारक, सैंकड़ों लेख जो भागवत से प्रेरित है। साथ ही नारी उत्थान,सब्सीडी शिक्षा नीति, आरक्षण जैसे विषय का उल्लेख है। आर्किटेक्चर विपुल कुमार, राजमिस्त्री मो दस्तगिर, बढई मिस्री संजय शर्माबिजली मिस्री धर्मेन्द्र कुमार, टाइल्स मिस्री पंकज और प्लंबर मो वसीम को मोहन भागवत ने अंगवस्त्र, वस्त्र और प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया।