Edited By Swati Sharma, Updated: 18 Jul, 2023 02:15 PM

विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बेंगलुरु में चल रही है। इस बैठक में 26 दलों के नेता पहुंचे हैं। वहीं, बैठक में स्वागत के लिए सभी नेताओं के पोस्टर और कट आउट लगाए गए हैं तो दूसरी ओर नीतीश कुमार की तस्वीरों वाले पोस्टर भी बेंगलुरु की सड़कों पर नजर आ रहे...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बेंगलुरु में चल रही है। इस बैठक में 26 दलों के नेता पहुंचे हैं। वहीं, बैठक में स्वागत के लिए सभी नेताओं के पोस्टर और कट आउट लगाए गए हैं तो दूसरी ओर नीतीश कुमार की तस्वीरों वाले पोस्टर भी बेंगलुरु की सड़कों पर नजर आ रहे हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री के करिश्माई व्यक्तित्व की खूब चर्चा है। नीतीश कुमार को इन पोस्टरों में अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट बताया है। यह पोस्टर सीधे तौर पर नीतीश कुमार के ऊपर एक तंज माना जा रहा है।

कांग्रेस ने नीतीश को बेंगलुरु बुलाकर उनकी बेइज्जती की है: BJP
वहीं, बिहार के अगवानी घाट सुल्तानगंज पुल के धराशाई होने का बैकग्राउंड इस्तेमाल करते हुए नीतीश कुमार पर कई पोस्टरों के जरिए तंज कसा गया है। नीतीश को एक ऐसा व्यक्ति बताए गया है, जो पानी के अंदर पुल बना सकते हैं। नीतीश कुमार के पोस्टर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार को बेंगलुरु बुलाकर उनकी भारी बेइज्जती की है, उन्हें अनस्टेबल बताया है।

पोस्टर लगाने वाले लोग बैचेन आत्मा की तरह तड़प रहेः जदयू
इधर, इस पोस्टर पर आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इन सवालों का जवाब यहां नहीं देते हैं तो लाज़मी है कि लोग तो सवाल पूछेंगे ही। इसलिए पोस्टर लगा कर लोग सवाल पूछ रहे हैं। वही इस पोस्टर पर जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पोस्टर लगाने वाले लोग बैचेन आत्मा की तरह तड़प रहे है। लेकिन सीबीआई, ईडी, आईटी जैसी एजेंसी, 56 इंच का सीना उनके समर्थक अपरोक्ष रूप से अपना नाम भी देना मुनासिफ इसलिए नहीं समझते है कि नैतिक बल नहीं हैं। ये काले दिल वाले लोग हैं, लेकिन कोई प्यार करें या घृणा करें नीतीश कुमार को इनकार कैसे कर देगा।

इस पोस्टर पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये बीजेपी की बौखलाहट है...बेचैनी है, जो दिख रही है। इसलिए वो पोस्टर लगा कर उलूल-जुलूल बातें लिख रहे हैं। बता दें कि विवाद के बाद पोस्टर को हटा लिया गया है। इस विवाद के बीच बंगलुरू में एक ओर जहां विपक्षियों पार्टियों को एक साथ लाने की मुहिम जारी है। वहीं दिल्ली में भी एनडीए अपना कुनबा बढ़ाने में लगा है। अब देखना होगा कि सत्ताधारी पार्टियों की बैठक और विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद देश की राजनीति में क्या कुछ नया देखने के लिए मिलता है।