Edited By PTI News Agency, Updated: 04 Jun, 2022 04:17 PM
पटना, चार जून (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में प्रस्तावित जाति आधारित जनगणना को लेकर सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आशंकाओं से जुड़े एक सवाल से शनिवार को किनारा कर लिया।
पटना, चार जून (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में प्रस्तावित जाति आधारित जनगणना को लेकर सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आशंकाओं से जुड़े एक सवाल से शनिवार को किनारा कर लिया।
दरअसल, एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री से भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल की इस मांग के बारे में पूछा था कि ‘रोहिंग्याओं’ को सर्वेक्षण से बाहर रखा जाना चाहिए। जवाब में नीतीश ने कहा,‘‘पता नहीं।’’
इस सप्ताह सर्वदलीय बैठक में राज्य में जाति आधारित जनगणना को लेकर आम सहमति बनी थी। जायसवाल ने इसके बाद फेसबुक पर लिखा कि उनकी पार्टी इस कदम का समर्थन करती है, लेकिन वह कुछ बातों को लेकर चिंतित है।
भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने बैठक में भी इन चिंताओं को सामने रखा था। जायसवाल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ‘सर्वेक्षण में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान जैसे विदेशी घुसपैठियों को शामिल नहीं किया जाए’, वरना उन्हें भी वैधता मिल जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीमांचल क्षेत्र में ऊंची जाति के शेख मुसलमानों द्वारा आरक्षण का लाभ लेने के लिए खुद के कथित तौर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़े होने का गलत दावा किया जाता है और इन विसंगति को भी दूर किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार मुसलमानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और भाजपा के इस इस रुख से उन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार मंत्रिपरिषद ने जाति आधारित गणना को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान करते हुए इसके लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। मंत्रिपरिषद ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए 23 फरवरी की समय सीमा निर्धारित की है।
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