Edited By Harman, Updated: 04 Dec, 2025 01:52 PM

Jharkhand Weather: झारखंड में ठंड ने जोर पकड़ लिया है। उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाओं के चलते सुबह-शाम का तापमान तेजी से गिर रहा है। शुष्क मौसम में सर्दी का असर हर दिन बिगड़ रहा है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने रांची सहित सात जिलों-गढ़वा, पलामू, सिमडेगा, चतरा,...
Jharkhand Weather: झारखंड में ठंड ने जोर पकड़ लिया है। उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाओं के चलते सुबह-शाम का तापमान तेजी से गिर रहा है। शुष्क मौसम में सर्दी का असर हर दिन बिगड़ रहा है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने रांची सहित सात जिलों-गढ़वा, पलामू, सिमडेगा, चतरा, लातेहार, लोहरदगा और गुमला के लिए अगले दो दिन शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई हिस्सों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। गुमला में 8 डिग्री से भी नीचे रिकॉर्ड हुआ, जबकि हजारीबाग और डाल्टनगंज में न्यूनतम तापमान करीब 9 डिग्री के आसपास है।
8 दिसंबर तक शीतलहर और कोहरे का अलर्ट, 4 डिग्री तक गिरेगा तापमान
राजधानी रांची में पिछले चार दिनों में तापमान करीब 2 डिग्री गिरकर 11 डिग्री पर आ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक 6 दिसंबर तक तापमान में 3-4 डिग्री और गिरावट हो सकती है। सुबह-शाम घना कोहरा और धुंध छाए रहने की संभावना है। खूंटी का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री और चाईबासा का अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम साफ रहने के बावजूद शीतलहर और कोहरे का प्रभाव 8 दिसंबर तक बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अगले चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे (3-4) डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।
अस्पतालों की OPD में मरीजों की संख्या बढ़ी
वहीं, ठंड के बढ़ते प्रभाव की वजह से मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। अस्पतालों की ओपीडी में पिछले सप्ताह मरीजों की संख्या बढ़ी है। गले में खराश, कफ, सर्दी-जुकाम और खांसी आम हो गए हैं। रिम्स में हर चार में से एक मरीज मौसमी बीमारियों से पीड़ित मिलता है। केवल पिछले सात दिनों में रिम्स की मेडिसिन ओपीडी में 1402 और पीडियाट्रिक ओपीडी में 1271 मरीज इलाज के लिए आए हैं। सदर अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या 2194 रही। कुल 4867 मरीजों में से लगभग 25-30 प्रतिशत मौसमी बीमारियों से ग्रस्त हैं। विशेष रूप से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठंड में कमजोर होती है। शिशु रोग विभाग के डॉक्टरों के अनुसार बच्चे ठंडी हवा, धूल और वायरल संक्रमण से जल्दी प्रभावित होते हैं। बुजुर्गों में गठिया, सांस की समस्या, दिल की बीमारियां और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है।