Martyrdom Day of Baba Tilka Manjhi: बाबा तिलका मांझी की पुण्यतिथि, CM हेमंत ने किया नमन

Edited By Khushi, Updated: 13 Jan, 2025 02:46 PM

death anniversary of baba tilka manjhi

देश की आजादी के महानायक और शूरवीर आदिवासी नेता बाबा तिलका मांझी का आज बलिदान दिवस है। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाबा तिलका मांझी को नमन किया है।

रांची: देश की आजादी के महानायक और शूरवीर आदिवासी नेता बाबा तिलका मांझी का आज बलिदान दिवस है। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाबा तिलका मांझी को नमन किया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा किया है। सीएम हेमंत ने अपने पोस्ट में लिखा, “1857 से कहीं पहले झारखंड में देश की आजादी की पटकथा लिखी जा चुकी थी। देश की आजादी के महानायक बाबा तिलका मांझी के शहादत दिवस पर शत-शत नमन।”

1785 में वीर स्वतंत्रता सेनानी को दे दी गई फांसी
भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे। 1750 में जन्मे मांझी, जिन्होंने 1857 के विद्रोह से लगभग एक सदी पहले ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ाई लड़ी थी, को इतिहास में कभी भी वह स्थान नहीं दिया गया जिसके वे हकदार थे। उन्होंने 1771 से 1784 तक अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों के प्रसिद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया और 1778 में पहाड़िया सरदारों के साथ संयुक्त मोर्चा बनाकर रामगढ़ कैंप को अंग्रेजों से छीन लिया। 1784 में तिलका मांझी ने राजमहल के मजिस्ट्रेट ऑगस्टस क्लीवलैंड की हत्या कर दी। इसके बाद आयरकूट के नेतृत्व में मांझी की गुरिल्ला सेना के खिलाफ एक बड़ा हमला हुआ।

ज्ञात हो कि तिलका मांझी 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' के प्रथम शहीद थे, इन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ एक लम्बी लड़ाई छेड़ी थी। संथालों द्वारा किये गए प्रसिद्ध 'संथाल विद्रोह' का नेतृत्व भी तिलका मांझी ने किया था। तिलका मांझी का नाम देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्रामी और शहीद के तौर में लिया जाता है। अंग्रेजी सरकार की बर्बरता के जघन्य कार्यों के खिलाफ उन्होंने जोरदार तरीके से आवाज़ उठायी थी। इस वीर स्वतंत्रता सेनानी को 1785 में गिरफ्तार करके फांसी दे दी गई थी।

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