Edited By Harman, Updated: 27 Aug, 2025 08:50 AM

झारखंड विधानसभा में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों से संबंधित एक विधेयक सहित पांच प्रमुख विधेयक ध्वनिमत से पारित किए गए। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक और झारखंड कोचिंग...
Jharkhand Assembly Monsoon Session: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों से संबंधित एक विधेयक सहित पांच प्रमुख विधेयक ध्वनिमत से पारित किए गए। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने भोजनावकाश के बाद विधानसभा में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पेश किया। चिकित्सा एवं कृषि विश्वविद्यालयों को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक व्यापक कानून बनाने के उद्देश्य वाले इस विधेयक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध किया।
विश्वविद्यालय विधेयक का BJP ने किया विरोध
हटिया से भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य राज्यपाल की शक्तियों को कम करना है। उन्होंने कहा, "यह बहुत दुखद है कि राजनीति से प्रेरित होकर यह विधेयक लाया गया है। यह राज्यपाल की शक्तियों को छीनने का एक प्रयास है।'' जायसवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से इसे प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया, जिसे ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। जायसवाल के प्रश्न का उत्तर देते हुए, कुमार ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा समीक्षा किए गए इस विधेयक से उच्च शिक्षा में सुधार लाने में मदद मिलेगी। चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधेयक के अनुसार, कुलपतियों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के अनुसार की जाएगी।
विधानसभा ने झारखंड व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2025 और झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 भी पारित किया, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना और शोषणकारी शैक्षणिक प्रथाओं पर अंकुश लगाना है। श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने झारखंड प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण एवं कल्याण) विधेयक, 2025 पेश किया। गिग वर्कर्स को दुर्घटना बीमा कवर और पेंशन जैसे विभिन्न लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से लाया गया। यह विधेयक भी ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। ‘गिग वर्कर्स' उन श्रमिकों को कहा जाता है जिनका काम अस्थायी होता है। विधानसभा ने झारखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025 भी पारित किया, जिसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।