Edited By Umakant yadav, Updated: 16 Mar, 2021 05:46 PM
झारखंड विधानसभा बजट सत्र के ग्यारहवें दिन भी सदन में विपक्ष द्वारा हेमंत सरकार को घेरने की कोशिश की गई। वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी के विधायक बेल में आकर हंगामा करने लगे। विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को आश्वस्त किया कि अप्रैल...
रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के ग्यारहवें दिन भी सदन में विपक्ष द्वारा हेमंत सरकार को घेरने की कोशिश की गई। सदन में आज बालू के अवैध खनन और तस्करी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही पूर्वाहन 11:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
बता दें कि दोबारा सदन की कार्यवाई जैसे ही प्रारंभ हुई, बोकारो से बीजेपी के विधायक बिरंचि नारायण ने प्रदेश में बालू के अवैध खनन, तस्करी और सूबे के थानों द्वारा इसको लेकर क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं और उनके ट्रैक्टर को पकड़कर अवैध उगाही के मुद्दे पर रोक लगाने की मांग की। वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी के विधायक बेल में आकर हंगामा करने लगे। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल ने बताया कि स्थानीय थाने को किसी भी बालू गाड़ी को पकड़ने का अधिकार नहीं है और इस संबंध में सरकार द्वारा स्पष्ट आदेश जारी पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यदि इसके बावजूद कोई सदस्य लिखित रूप से इस तरह की सूचना देते हैं तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जरूर ऐसा कोई आदेश जारी किया गया होगा लेकिन उन्होंने अपने गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा ट्रैक्टर लदे एक वाहन मालिक से स्थानीय पुलिस ने अवैध राशि की वसूली की। उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में भी रात 10:00 बजे के बाद कभी भी पीसीआर वैन और स्थानीय पुलिस द्वारा बालू, ईट तथा की गिट्टी लदे वाहनों से अवैध वसूली की जाती है और इसकी जांच कभी भी की जा सकती है।
पेयजल जल मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया की उनके विधानसभा क्षेत्र के रंका में भी एक पुलिस कर्मी द्वारा बालू लदे वाहन को पकड़ा गया था एसपी और डीआईजी से शिकायत के बाद वह पुलिस कर्मी लाइन हाजिर हो गया। बीजेपी विधायकदल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मराण्डी ने भी इस मामले पर बोलते हुए सरकार से कार्यवाई करने का आस्वासन मांगा। वही विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को आश्वस्त किया कि अप्रैल 2021 तक बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।