"JMM पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी", सीता सोरेन ने कहा- आखिर कब तक चंपई सोरेन बेइज्जती बर्दाश्त करते

Edited By Khushi, Updated: 28 Aug, 2024 12:28 PM

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झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और वर्तमान में भाजपा की नेत्री सीता सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के निर्णय पर दावा करते हुए कहा कि झामुमो पार्टी का विनाश होना तय है। पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

रांची: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और वर्तमान में भाजपा की नेत्री सीता सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के निर्णय पर दावा करते हुए कहा कि झामुमो पार्टी का विनाश होना तय है। पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

"एक के बाद एक बड़े नेता JMM छोड़ रहे हैं"
सीता सोरेन ने कहा कि चंपई सोरेन जी को मैं चाचा कहकर पुकारती हूं। वे बहुत पुराने नेता हैं। उनको भी अपमानित किया गया। आखिर कोई कब तक बेइज्जती बर्दाश्त करेगा। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन के भाजपा में आने से झामुमो को बहुत बड़ा नुकसान तय है। यह होना भी चाहिए। सीता सोरेन ने कहा कि चंपई सोरेन ने पार्टी के लिए लंबे समय तक योगदान दिया। अब इस उम्र में उनको अपमानित किया जा रहा था। सीता सोरेन ने कहा कि जेएमएम पार्टी के लिए ये कोई नई बात नहीं है। एक के बाद एक बड़े नेता उनका साथ छोड़ रहे हैं।

"झारखंड में एक नहीं बल्कि 2 मुख्यमंत्री हैं"
सीता सोरेन ने आगे कहा कि हेमंत जी को जेल यात्रा करना पड़ा, उस दौरान चंपई जी को सीएम बनाया गया, लेकिन कुछ वक्त के लिए। सीता सोरेन ने कहा कि चंपई सोरेन बहुत बड़े नेता हैं, उन्होंने बाबा (शिबू सोरेन) के साथ झारखंड को अस्तित्व में लाने में भूमिका निभाई। 2 महीने की बात थी, उन्हें (चंपई सोरेन) सम्मान दिया जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री बने रहने देना चाहिए था। सीता सोरेन ने कल्पना सोरेन पर तंज कसते हुए कहा कि आज इस राज्य में एक नहीं बल्कि 2 मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि वह सीएम के साथ हर कार्यक्रम में दिखती हैं। क्या इससे पार्टी के बड़े नेताओं को तकलीफ नहीं होती होगी।

"मैंने इस पार्टी के लिए बहुत त्याग किया"
सीता सोरेन ने कहा कि गुरुजी के साथ मिलकर स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया था। मैंने इस पार्टी के लिए कितना त्याग किया है, यह मैं ही जानती हूं, लेकिन मुझे कभी सम्मान नहीं मिला। अपमानित होकर भी सब कुछ झेलते रहे। बच्चों के भविष्य को देखते हुए मजबूर होकर मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी। सीता सोरेन ने कहा कि एक समय था जब किसी बात पर कोई नेता नाराज हो जाता था तो दुर्गा सोरेन खुद मनाने के लिए घर पहुंच जाते थे, लेकिन अब इस पार्टी में ऐसा कोई नहीं बचा है। 

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