निर्मला सीतारमण एवं विष्णु की मुलाकात से BJP का अवांछित और छुपा चेहरा फिर आया सामने: बंधु तिर्की

Edited By Khushi, Updated: 10 May, 2024 06:15 PM

the meeting of nirmala sitharaman and vishnu revealed

बंधु तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में भ्रष्टाचार के जितने भी मामले सामने आये हैं उन सभी की गहराई से और निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिये।

Ranchi: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और झारखंड में सेना की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री के साथ ही अनेक संदेहास्पद जमीन सौदे के आरोपी व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के बीच हुई मुलाकात के बाद भारतीय जनता पार्टी का अवांछित और छुपा हुआ चेहरा फिर से सामने आ गया है जहां भ्रष्टाचार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये कहना है पूर्व मंत्री झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का।

बंधु तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में भ्रष्टाचार के जितने भी मामले सामने आये हैं उन सभी की गहराई से और निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिये। अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि भाजपा के जो नेता अपने आप को बहुत अधिक ईमानदार और महामानव बताते हैं वे बाबूलाल मरांडी भी उस बेहद चर्चित और विवादास्पद मुलाकात में साथ में हैं और इससे साफ-साफ पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी का भ्रष्टाचार के मामले में दोहरा रवैया है और न केवल उसकी कथनी और करनी में अंतर है बल्कि, स्थिति इतनी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण हो गयी है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सभी लोगों के सामने विष्णु अग्रवाल जैसे लोगों के साथ निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में भी परहेज नहीं है। उन्होंने दोहराया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वित्त मंत्रालय के अधीन ही है जिसकी मंत्री निर्मला सीतारमण है और निर्मला-विष्णु एवं बाबूलाल की इस मुलाक़ात का मतलब हर समझदार व्यक्ति को नज़र आ रहा है। उन्होंने कहा कि वहीं दो-चार दिन पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के नौकर के घर पर जब ईडी की छापेमारी हुई तो उसके बाद भाजपा नेताओं ने तत्काल उन्हें आरोपी ठहराया शुरू कर दिया, लेकिन विष्णु अग्रवाल के मुद्दे पर उनका क्या कहना है जो खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर बहुत मुश्किल से बाहर निकले हैं।

बंधु तिर्की ने कहा कि कायदे से होना तो यह चाहिए कि जिस प्रकार से ईडी ने विष्णु अग्रवाल को आरोपी बनाया है उसमें उनकी मुलाकात सीतारमण से हुई ही नहीं लेकिन, उस मुलाकात के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के मौजूदगी यह प्रमाणित करती है कि यह पूर्व निश्चित मुलाकात थी और इसकी पृष्ठभूमि में भाजपा की वही मानसिकता है जिसमें अपनी पार्टी में किसी भी दागी को शामिल करवाने के बाद वह उसके मामले को कमजोर या बंद कर देती है अथवा किसी अवांछित लेनदेन आदि के बाद मामले को कमजोर कर दिया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल अपने चश्मे से झारखंड और यहां के लोगों को देखने के बाद समझना चाहिए क्योंकि एक और प्रधानमंत्री लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसी बातें करते हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे आरोपियों के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्री की तस्वीर बहुत कुछ साबित कर देती है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा, संथाल में डेमोग्राफी की बातें करती है तो उन्हें अपनी उन्हीं आंखों से रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसी जगहों को भी देखना चाहिये जहां आदिवासियों की आबादी लगातार घटती जा रही है और वे विस्थापन और पलायन के शिकार हो रहे हैं। वही दूसरी ओर बिहार, उत्तर प्रदेश से आये लोग शहर में कब्जा करते जा रहे हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति के साथ ही उनकी आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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