Edited By Ramanjot, Updated: 29 Mar, 2025 02:32 PM

एनजीटी ने पिछले साल 15 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में बिहार के मुख्य सचिव को गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उसे अवगत कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उसके समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया था।...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें बिहार सरकार (Bihar Government) पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया था। एनजीटी ने गंगा नदी के प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित मामले में अपने निर्देशों का पालन न करने और उचित सहायता न करने के लिए बिहार सरकार पर यह जुर्माना लगाया था।
केंद्र और अन्य हितधारकों को नोटिस जारी
एनजीटी ने पिछले साल 15 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में बिहार के मुख्य सचिव को गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उसे अवगत कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उसके समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एनजीटी के आदेश को चुनौती देने वाली बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने इस मामले में केंद्र और अन्य हितधारकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब मांगा है।
अगले आदेश तक, विवादित आदेश पर रहेगी रोक
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने शुक्रवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘अगले आदेश तक, विवादित आदेश पर रोक रहेगी। '' एनजीटी गंगा नदी के प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के मुद्दे पर विचार कर रहा है और इस मामले को राज्यवार तरीके से देखा जा रहा है, जिसमें वे सभी राज्य और जिले शामिल हैं जहां से नदी और उसकी सहायक नदियां बहती हैं। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि उसने पहले बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों के जल की गुणवत्ता के मुद्दे पर विचार किया था।