1800 Teacher Recruitment Bihar: डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालयों में 1800 पदों पर होगी भर्ती, विभाग से मिली स्वीकृति

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Sep, 2025 06:10 PM

1800 teacher recruitment bihar

आज नीतीश कैबिनेट की बैठक में 48 एजेंडों पर मुहर लगी। इनमें से बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर 10+2 आवासीय विद्यालयों में कुल 1800 नए पदों के सृजन को मंजूरी दे...

पटना:आज नीतीश कैबिनेट की बैठक में 48 एजेंडों पर मुहर लगी। इनमें से बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर 10+2 आवासीय विद्यालयों में कुल 1800 नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा गोपालगंज में आवासीय विद्यालय निर्माण को मंजूरी दे दी गई है।

1800 पदों को मिली स्‍वीकृति

अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्‍याण विभाग की ओर से कुल 1800 नए पदों के सृजन का प्रस्‍ताव भेजा गया था। जिसे कैबिनेट स्‍वीकृति दे दी है। बताते चलें, विभाग की ओर से 40 आवासीय विद्यालय स्‍वीकृत किए गए हैं। जहां 1800 लोगों की बहाली होनी है। इससे आने वाले समय में न सिर्फ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी बल्कि हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को रोजगार का भी बड़ा अवसर मिलेगा।

इन पदों पर होगी बहाली 

कैबिनेट के फैसले की ब्रीफिंग के दौरान अपर मुख्‍य सचिव, अरविंद चौधरी ने बताया कि डॉक्‍टर भीम राव अम्‍बेडकर 10+2 अनुसूचित जाति एवं जनजाति आवासीय विद्यालय में जल्‍द बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इनमें प्रधानाध्यापक के 40 पद, कक्षा 11 से 12 तक के अध्यापक के 760 पद, कक्षा 6 से 10 तक के अध्यापक के 360 पद, कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापक के 280 पद और गैर-शैक्षणिक कर्मियों के 360 पद शामिल हैं।

गोपालगंज को मिलेगा 720 सीटिंग वाला आवासीय विद्यालय

गोपालगंज जिले में 720 सीटिंग क्षमता वाले विद्यालय भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए कैबिनेट की ओर से 65 करोड़ 80 लाख 11 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यहां छात्रों को मुफ्त आवास, खान-पान और शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी। बताते चलें, वर्तमान में राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 66 और अनुसूचित जनजाति के लिए 25 आवासीय विद्यालय संचालित हैं। कैबिनेट की ओर से सरकार ने 28 नए विद्यालयों के भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। जहां 10+2 स्तर तक शिक्षा उपलब्ध होगी।

शिक्षा से विकास की मुख्यधारा तक

बताते चलें, नीतीश कुमार का मकसद साफ है, पिछड़े और वंचित तबकों को मजबूत बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर ही बिहार का विकास संभव है। ऐसे में इस पहल से अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चे न सिर्फ पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!