Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jun, 2025 09:42 PM
भवन निर्माण विभाग द्वारा राज्य के 241 जर्जर अथवा गैर-मरम्मति योग्य प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवनों के नए भवनों का निर्माण किया जाएगा।
पटना:भवन निर्माण विभाग द्वारा राज्य के 241 जर्जर अथवा गैर-मरम्मति योग्य प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवनों के नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 62 भवनहीन प्रखंडों में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय परिसर भवन का निर्माण एवं परिसर का विकास किया जाना है। भवनों के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है। पुराने भवन की जगह नये प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवनों एवं प्रखंड सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय परिसर के निर्माण हेतु जल्द की निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि जर्जर हो चुके प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय की जगह नये भवन एवं भवनहीन प्रखंडों में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय भवन का निर्माण किया जाएगा। नए भवनों के निर्माण हेतु साइट प्लान एवं मिट्टी की जांच सहित अन्य सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए अभियंताओं को आवश्यक निदेश दिया गया है। नए कार्यालय भवन पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं आम लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे।
प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय परिसर के निर्माण हेतु प्रति प्रखंड 30 करोड़ 74 लाख 17 हजार रुपये तथा पुराने भवन की जगह नये प्रखंड सह-अंचल कार्यालय भवन के निर्माण के लिए प्रति प्रखंड 16 करोड़ 62 लाख 10 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है।
प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय के प्रशासनिक भवन (जी+2) में प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी सहित प्रखंड स्तरीय अन्य पदाधिकारियों के कार्यालय, आधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल, आरटीपीएस काउंटर, कैंटिन और रिकॉर्ड रूम की व्यवस्था होगी। प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय-सह-आवासीय परिसरों में प्रशासनिक भवन के साथ ही परिसर में आवासीय सुविधाएं भी होंगी। प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए भी आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भवनों की छत पर सोलर पैनल का अधिष्ठापन किया जाएगा, जिससे कार्यालय भवन में बिजली की बचत होगी।
सरकार द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक ही छत के नीचे कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने से जनता को अनावश्यक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, विकास कार्यों में तेजी आएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।