Edited By Harman, Updated: 11 Jan, 2025 01:23 PM
बिहार के स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों के नौकरी करने के मामले सामने आते ही रहते है। अभी हाल ही में एक नया मामला बिहार के जमुई जिले से आया है जहां फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते तीन शिक्षकों का पर्दाफाश हुआ है। शिक्षा विभाग को...
जमुई: बिहार के स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों के नौकरी करने के मामले सामने आते ही रहते है। अभी हाल ही में एक नया मामला बिहार के जमुई जिले से आया है जहां फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते तीन शिक्षकों का पर्दाफाश हुआ है। शिक्षा विभाग को इस फर्जीवाड़े का पता तब चला तो इनको शोकॉज नोटिस जारी किया गया। वही बेनकाब होने पर ये शिक्षक बिना स्पष्टीकरण दिए फरार हो गए।
विभागीय जांच में सामने आया फर्जीवाड़े
मिली जानकारी के अनुसार, मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय नगदेवा का है। शिक्षकों की पहचान अनु कुमारी, रविन्द्र कुमार रवि और गोपाल कुमार के रूप में हुई है। लगभग 8-9 साल इन शिक्षकों ने धोखे से लाखों रूपए वेतन प्राप्त किया है। इनका खुलासा तब हुआ जब विभाग द्वारा सभी शिक्षकों के दस्तावेज ऑनलाईन अपलोड करने के आदेश दिए गए है। उसके बाद जब इनके दस्तावेजों की जांच हुई तो इन तीनों का सक्षमता प्रमाण पत्र जाली पाया गया। जिसके बाद विभाग द्वारा इनको कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद कारवाई के डर से ये तीनों शिक्षक बिना सूचना के महीनों से स्कूल से गायब हैं।
वहीं अब शिक्षा विभाग ने इसी बाबत नियोजन ईकाई बरहट को पत्र जारी करते हुए कानूनी रूप से कार्रवाई करने की बात कही है। नियोजन ईकाई के अध्यक्ष एसके पांडेय ने कहा आरोपित शिक्षक यदि स्पष्टीकरण नही देते तो उसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।