Edited By Ramanjot, Updated: 03 Dec, 2023 09:35 AM
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सुशील मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि यदि सर्वेक्षण कराना ही था तो जातीय गणना के सर्वेक्षण में ही शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा शराबबंदी का समर्थन किया है लेकिन इसके क्रियान्वयन में सरकार...
पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है राज्य में सभी राजनीतिक दल शराबबंदी के पक्ष में हैं तब फिर एक बार शराबबंदी पर घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना पैसे की बर्बादी है।
"भाजपा ने हमेशा शराबबंदी का समर्थन किया"
सुशील मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि यदि सर्वेक्षण कराना ही था तो जातीय गणना के सर्वेक्षण में ही शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा शराबबंदी का समर्थन किया है लेकिन इसके क्रियान्वयन में सरकार पूर्णतया विफल है। खुले आम शराब बिक रही है। होम डिलीवरी हो रही है। थानों और प्रशासन की अवैध कमाई का जरिया शराबबंदी बन चुका है। मोदी ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद गांव-गांव में अवैध शराब का निर्माण चल रहा है। अन्य राज्यों से अवैध शराब के व्यापार को सरकार रोक नहीं पाई है, अन्यथा 2 करोड़ 16 लाख लीटर शराब जिसमें 75 लाख लीटर देसी शराब अभी तक जप्त की जा चुकी है, सरकार बताए ये कहां से आई है।
भाजपा सांसद ने कहा कि छह लाख 27 हजार लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिसमें 80 प्रतिशत जमानत पर हैं। लेकिन, मात्र 1,522 लोगों को ही सजा हो पाई है, जो कुल गिरफ्तारी का 0.0002 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में कौन कहेगा कि शराबबंदी गलत है फिर इस पर अरबों खर्च करने का क्या औचित्य है। बिहार को प्रतिवर्ष शराबबंदी से 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अभी तक सरकार इसकी क्षतिपूर्ति का विकल्प खोज नहीं पाई है।