Edited By Harman, Updated: 01 Apr, 2025 09:33 AM

बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ आज यानी मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। वहीं पटना के घाटों पर बड़ी संख्या में छठ करने वाले व्रतियों भारी भीड़ देखी गई। बता दें इस कठिन व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
Chaiti Chhath 2025: बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ आज यानी मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। बता दें इस कठिन व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं पटना के घाटों पर बड़ी संख्या में छठ करने वाले व्रतियों भारी भीड़ उमड़ गई है।
अरवा भोजन ग्रहण कर शुरू किया गया व्रत
बता दें कि चैती छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने नहाय-खाय के संकल्प के तहत स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया। महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु पूरे दिन बिना जलग्रहण किये उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करते हैं और उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाते हैं तथा जब तक चांद नजर आये तब तक पानी पीते हैं। इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। इस महापर्व के तीसरे दिन यानी गुरुवार को व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। महापर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार सुबह फिर से नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देंगे। भगवान भाष्कर को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त हो जाएगा और वे अन्न ग्रहण करेंगे।

चैती छठ पर पटना में 41 घाटों का निर्माण किया गया
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में चैती छठ को लेकर घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है, जिसे देखते हुए पाटीपुल घाट से दीदारगंज के बीच अर्घ्य के लिए 41 घाट तैयार किए गए हैं। इसमें सात तालाब भी शामिल है। बांकीपुर अंचल में 12 घाट, अजीमाबाद अंचल में नौ, पटना सिटी अंचल में 12, पाटलिपुत्र अंचल में सात, नूतन राजधानी अंचल में एक गंगा घाट और सात तालाब तैयार हैं। इन घाटों पर बैरिकेडिंग एवं कपड़े द्वारा मार्किंग की प्रक्रिया को भी पूर्ण कर लिया गया है, जिससे लोगों को कोई असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त घाटों पर पेयजल एवं शौचालय, चेजिंग रूम की व्यवस्था भी की गई है।