बिहार: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ऊर्जा विभाग की ओर से 13,484.3517 करोड़ रुपए की अनुदान मांग

Edited By Ramanjot, Updated: 19 Mar, 2025 07:32 PM

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बिहार के ऊर्जा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 13,484.3517 करोड़ रुपए की अनुदान मांग विधान सभा में प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने विद्युत उत्पादन, संचरण और वितरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।

पटना: बिहार के ऊर्जा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 13,484.3517 करोड़ रुपए की अनुदान मांग विधान सभा में प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने विद्युत उत्पादन, संचरण और वितरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।

बिजली दरों में कमी से उपभोक्ताओं को राहत

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15,109 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण हुआ, जिससे 1,274 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया गया। इसी के चलते उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है। सरकार सस्ती बिजली आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।

किसानों के लिए किफायती बिजली दरें

मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 15,343 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया। किसानों के लिए सिंचाई बिजली दर मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है, जिससे डीजल पंप की तुलना में 10 गुना सस्ती सिंचाई संभव हो रही है। मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत 5.81 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं और सितंबर 2026 तक सभी किसानों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।

स्मार्ट प्री-पेड मीटर: उपभोक्ताओं को लाभ

बिहार स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने में देश में अग्रणी है। अब तक 62 लाख से अधिक मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली खपत पर अधिक नियंत्रण मिल रहा है। एटी एंड सी लॉस 2005 में 59.24% था, जो 2025 में घटकर 19.94% रह गया है।

विद्युत उत्पादन में नए संयंत्र शामिल

  • बिहार में वर्तमान में बरौनी, कांटी, बाढ़, नबीनगर और कहलगांव समेत विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों की कुल स्थापित क्षमता 8,850 मेगावाट है।
  • बाढ़ ताप विद्युत परियोजना की 660 मेगावाट क्षमता की एक नई इकाई इस वर्ष से उत्पादन शुरू करेगी।
  • बक्सर (चौसा) में 1,320 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना 2025-26 में शुरू होगी।
  • भागलपुर के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है, जो राज्य की सबसे बड़ी निजी निवेश वाली परियोजना होगी।

अक्षय ऊर्जा में नए आयाम

  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत:
  • 11,383 सरकारी भवनों पर 100 मेगावाट और 5,683 निजी भवनों पर 21 मेगावाट के रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए गए।
  • विभिन्न सौर परियोजनाओं से 178 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
  • दरभंगा में 1.6 मेगावाट, सुपौल में 525 किलोवाट और फुलवरिया नवादा में 10 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं कार्यरत हैं।
  • पटना के विक्रम में 2 मेगावाट की नहर किनारे सौर परियोजना का निर्माण जारी है।
  • लखीसराय स्थित कजरा में 301 मेगावाट की दो सौर परियोजनाएं, 495 मेगावाट-आवर बैटरी भंडारण क्षमता के साथ निर्माणाधीन हैं। यह देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण परियोजना होगी।

संचरण क्षेत्र में मजबूत बुनियादी ढांचा

  • मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित 10 नए ग्रिड उपकेंद्रों के निर्माण की निविदा जारी हो चुकी है।
  • बिहार की संचरण कंपनी को भारत सरकार द्वारा A+ रैंकिंग प्रदान की गई है।
  • GIS तकनीक पर आधारित तीन ग्रिड उपकेंद्रों को ऊर्जा आपूर्ति के लिए चालू किया गया है।

भविष्य की योजनाएं

2025-26 में:

  • 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर 500 मेगावाट-आवर बैटरी इनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित होगा।
  • कैमूर स्थित दुर्गावती डैम में 10 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना शुरू होगी।
  • नहरों के किनारे 20 मेगावाट की सौर परियोजना और तालाबों/चौर क्षेत्रों में 20 मेगावाट की रेज्ड स्ट्रक्चर सौर परियोजना शुरू की जाएगी।
     

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