Edited By Ramanjot, Updated: 11 Feb, 2025 03:39 PM
![national level meeting held in patna for hiv and syphilis elimination](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_15_36_286925776aids-ll.jpg)
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार
पटना:राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार, पटना द्वारा एचआईवी और सिफलिस का ऊर्ध्वाधर संचरण (Vertical Transmission) का उन्मूलन विषय पर दिनांक 12 एवं 13 फरवरी 2025 को होटल लेमन ट्री में राष्ट्रीय समीक्षा और क्षमता निर्माण बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य एचआईवी और सिफलिस के ऊर्ध्वाधर संचरण के उन्मूलन की दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा करना और संबंधित अधिकारियों/कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना है, ताकि इन संक्रमणों के प्रसार को रोका जा सके और वर्ष 2030 तक भारत में इनके ऊर्ध्वाधर संचरण को समाप्त किया जा सके। इस बैठक में विभिन्न राज्यों से प्राप्त डेटा और रिपोर्ट्स की समीक्षा की जानी है, जिसमें यह देखा जाता है कि वर्तमान में एचआईवी और सिफलिस के ऊर्ध्वाधर संचरण को रोकने के प्रयास कितने प्रभावी रहे हैं और कहाँ सुधार की आवश्यकता है।
इस बैठक में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव सह महानिदेशक, उपमहानिदेशक-BSD,CST, PMR सहित अन्य वरीय पदाधिकारी/सलाहकार एवं देश के सभी राज्य एड्स नियंत्रण समिति के नामित लगभग 150 प्रतिभागी भाग लेंगे। साथ हीं, संबंधित अन्य प्रतिभागी विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे।
एचआईवी और सिफलिस का ऊर्ध्वाधर संचरण (Vertical Transmission) का उन्मूलन का मतलब है, एचआईवी (HIV) और सिफलिस (Syphilis) जैसी बीमारियों के संचरण को गर्भावस्था, प्रसव या शिशु को स्तनपान के दौरान मां से बच्चे तक रोकना। इसे "माँ से बच्चे तक संक्रमण" (Mother-to-child transmission, MTCT) भी कहा जाता है।
मुख्य लक्ष्य:
- 1. एचआईवी का ऊर्ध्वाधर संचरण समाप्त करना (Elimination of Mother-to-Child Transmission of HIV)
- भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक एचआईवी के ऊर्ध्वाधर संचरण को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए। इसका मतलब है कि एचआईवी से संक्रमित महिलाओं से बच्चों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपायों को लागू किया जाए।
- 2. सिफलिस का ऊर्ध्वाधर संचरण समाप्त करना (Elimination of Mother-to-Child Transmission of Syphilis)
सिफलिस के ऊर्ध्वाधर संचरण को भी 2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सिफलिस के संक्रमण से बचाना और प्रसव के दौरान शिशु में संक्रमण के जोखिम को कम करना है।
ऊर्ध्वाधर संचरण का उन्मूलन करने के लिए, निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं:
एचआईवी और सिफलिस का नियमित परीक्षण – गर्भवती महिलाओं का एचआईवी और सिफलिस के लिए परीक्षण करना, ताकि जल्दी से निदान और उपचार किया जा सके।
उचित उपचार – अगर महिला को एचआईवी या सिफलिस है, तो उसे उचित चिकित्सा उपचार दिया जाता है, जिससे संक्रमण के प्रसारण को रोका जा सके। एचआईवी के लिए एंटी-रेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) और सिफलिस के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है।
स्वस्थ प्रसव – यदि किसी महिला को एचआईवी या सिफलिस है, तो प्रसव के दौरान ऐसे उपाय किए जाते हैं, जैसे कि सीजेरियन सेक्शन (C-section) या विशेष दवाइयाँ, ताकि बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके।
स्तनपान में सावधानी – एचआईवी संक्रमित मां को अगर स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है, तो उपयुक्त चिकित्सा या विकल्पों का पालन किया जाता है, ताकि बच्चा सुरक्षित रहे। यदि किसी महिला को एचआईवी या सिफलिस है, तो प्रसव के दौरान ऐसे उपाय किए जाते हैं, जैसे कि सीजेरियन सेक्शन (C-section) या विशेष दवाइयाँ, ताकि बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके।
स्तनपान में सावधानी – एचआईवी संक्रमित मां को अगर स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है, तो उपयुक्त चिकित्सा या विकल्पों का पालन किया जाता है, ताकि बच्चा सुरक्षित रहे।
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, स्वास्थय विभाग, बिहार सरकार, पटना राज्य में EVTHS हेतु कृत संकल्पित है एवं इस दिशा में सभी आवश्यक कार्य किये जा रहे हैं।