NEET पेपर लीक: संजीव मुखिया के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, कई बड़े नाम जुड़े

Edited By Ramanjot, Updated: 01 May, 2025 08:40 AM

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NEET पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया ने EOU के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

पटना: NEET पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया ने EOU के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। संजीव ने बताया कि उनका एक विशाल नेटवर्क है, जिसमें कई लोग शामिल हैं, और इस नेटवर्क के माध्यम से उन्होंने NEET, BPSC और अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक करवाए। इस सिस्टम में संजीव मुखिया सबसे ऊपर हैं और उनके बाद रॉकी, उनका बेटा डॉ शिव, और कुछ संस्थान के शिक्षक शामिल हैं। संजीव ने बताया कि इन संस्थानों को फायदा तब होता है जब उनके छात्र मेडिकल परीक्षा पास करते हैं, जिससे उनका नाम रोशन होता है।

पेपर लीक का तरीका: लॉक सिस्टम को समझकर पाते थे परीक्षा के पेपर

संजीव मुखिया ने खुलासा किया कि पेपर के प्रिंटिंग के दौरान तीन लॉक होते हैं, लेकिन परीक्षा केंद्रों को केवल दो लॉक का पता होता है। तीसरे लॉक की जानकारी केवल संजीव मुखिया को होती थी, जिससे वह पेपर को अनलॉक करके हासिल कर लेते थे और बाद में इसे फिर से लॉक कर के भेज देते थे, ताकि किसी को इसका शक न हो।

NEET पेपर लीक के पीछे की असली वजह: पत्नी को राजनीति में लाना था लक्ष्य

संजीव मुखिया ने बताया कि उनका उद्देश्य पैसों की कमाई नहीं थी, बल्कि वे अपनी पत्नी को राजनीति में स्थापित करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें भारी रकम की आवश्यकता थी, इसलिए उन्होंने पेपर लीक करने का रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नी को MP या MLA बनवाने के लिए कई लोगों को मेडिकल परीक्षा में सफलता दिलवाने का काम किया था। उनकी पत्नी पिछले विधानसभा चुनाव में LJP से लड़ी थीं, लेकिन मात्र 3500 वोटों से हार गईं, और अब संजीव को अफसोस है कि यदि उनकी पत्नी निर्दलीय लड़ी होती, तो वह जीत सकती थीं।

संजीव मुखिया का नेटवर्क: बड़े शहरों तक फैला था घृणित कारोबार

संजीव ने बताया कि उनका नेटवर्क न केवल बिहार बल्कि अन्य बड़े शहरों जैसे देहरादून, चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, गुड़गांव, नोएडा और गुजरात के गांधीनगर तक फैला हुआ था। यहां से जब भी कोई पेपर प्रिंटिंग के लिए फॉर्म करता, संजीव को इसका पता चल जाता और वह पेपर लीक का काम शुरू कर देते थे।

पटना बाइपास से जुड़े अस्पतालों और क्लीनिकों में काम करते थे सॉल्वर

संजीव मुखिया ने यह भी बताया कि पटना बाइपास से जुड़े कुछ अस्पतालों और क्लीनिकों के डॉक्टर उनके लिए सॉल्वर का काम करते थे। संजीव ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर कई बेनामी संपत्ति भी बना रखी है, जिससे वह अपनी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते थे।

अब EOU की कार्रवाई: आरोपी के खिलाफ जल्द होगी चार्जशीट दाखिल

अब EOU संजीव मुखिया के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने जा रही है। सभी बिहार के SP, DSP और बिहार से सटे अन्य राज्यों के SP को संजीव के खिलाफ दर्ज अपराधों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। EOU जल्द ही संजीव मुखिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उसे सजा दिलवाना चाहती है।

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