MIT मुजफ्फरपुर में नदी इंजीनियरिंग को समझने के विषय पर सेमिनार आयोजित, बाढ़ से निपटने के तरीकों पर हुई चर्चा

Edited By Ramanjot, Updated: 29 Jan, 2025 06:29 PM

seminar organized on understanding river engineering at mit muzaffarpur

​​​​​​​प्रोफेसर डॉ. रामाकर झा ने बिहार की नदियों के संदर्भ में कहा कि नदी की रक्षा और संरक्षण करना भविष्य के लिए बेहद आवश्यक है। डॉ. रामाकर ने अवैध रेत खनन के मुद्दे को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अवैध रेत खनन न केवल नदी की पारिस्थितिकी और...

पटना: विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत संचालित एमआईटी, मुजफ्फरपुर में नदी इंजीनियरिंग को समझने के विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में एनआईटी पटना के प्रसिद्ध प्रोफेसर डॉ. रामाकर झा आमंत्रित थे, जो जल विज्ञान और जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने सेमिनार के दौरान नदी जल-प्रशिक्षण, सतत जल प्रबंधन और बाढ़ के प्रभावों से निपटने के तरीकों पर विशेष रूप से चर्चा की।

प्रोफेसर डॉ. रामाकर झा ने बिहार की नदियों के संदर्भ में कहा कि नदी की रक्षा और संरक्षण करना भविष्य के लिए बेहद आवश्यक है। डॉ. रामाकर ने अवैध रेत खनन के मुद्दे को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अवैध रेत खनन न केवल नदी की पारिस्थितिकी और भू-आकारिकी को नष्ट करता है, बल्कि इसके प्रवाह पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसका सीधा प्रभाव तटवर्ती क्षेत्रों और वहां की कृषि पर पड़ता है। यह सेमिनार नदी संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में नई सोच को प्रोत्साहन देने में सफल रहा।

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