भूमि सर्वे के द्वितीय चरण में अब तक 76 लाख से अधिक रैयतों ने जमा किया स्वघोषणा

Edited By Khushi, Updated: 29 Jan, 2025 06:38 PM

so far more than 76 lakh farmers have submitted self declaration

भूमि सर्वे के द्वितीय चरण के 18 जिलों में स्वघोषणा देने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब तक 76 लाख से अधिक रैयतों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से स्वघोषणा जमा किया है।

पटना: भूमि सर्वे के द्वितीय चरण के 18 जिलों में स्वघोषणा देने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब तक 76 लाख से अधिक रैयतों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से स्वघोषणा जमा किया है। इनमें 46 लाख रैयतों ने सीधे सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन स्वघोषणा जमा किया है जबकि 24 लाख स्वघोषणा को लोगों ने वीरों में जाकर जमा किया जिन्हें सर्वे कर्मियों द्वारा ऑनलाइन किया गया है। करीब 6 लाख स्वघोषणा ऐसे हैं जिन्हें ऑफलाइन मोड में वीरों में प्राप्त किया गया है लेकिन सर्वर में समस्या के कारण ऑनलाइन नहीं किया जा सकता है। जल्द ही इन्हें ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

कुमार सिंह ने बताया कि सर्वर में आई दिक्कतों को दूर कर लिया गया है। भागलपुर और पूर्णिया कमी नारी के लिए हमने सर्वर अलग कर दिया है। आवेदन देने हेतु हरेक कमी नारी के लिए अलग पाथ भी जल्द ही लोगों को बता दिए जाएंगे। 15 फरवरी तक सभी 9 कमी नारी के लिए सर्वर अलग-अलग कर दिया जाएगा। फिर डाटा इंट्री और डाटा अपलोडिंग में आने वाली दिक्कतें समाप्त हो जाएंगी और स्वघोषणा एवं टेरीज लेखन के काम में तेजी आ जाएगी।

इस माह के पहले पखवारे में आयोजित बंदोबस्त पदाधिकारियों की मासिक बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि फरवरी के अंतिम सप्ताह से दूसरे चरण के सभी अंचलों में किस्तयार का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने उससे पहले सभी मौजों में टेरीज लेखन यानी प्रपत्र 5 भरने का निर्देश दिया था। फिलहाल सभी गांवों में टेरीज लेखन का काम चल रहा है और 15 फरवरी तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। दूसरे चरण के 18 जिलों के सभी 23786 गांवों में उद्घोषणा का काम पूरा कर लिया गया है और इन्हें वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है। इसी तरह इन सभी गांवों में ग्राम सभा का आयोजन भी किया जा चुका है। हरेक गांव में आयोजित सभा को कार्यवाही और 2 फोटोग्राफ के साथ निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है, जिसे ऑनलाइन देखा भी जा सकता है। इसी प्रकार सर्वे प्रारंभ होने वाले सभी गांवों को आरटूआर सॉफ्टवेयर से भी जोड़ दिया गया है।

किस्तवार के दौरान सभी गांवों की सीमा का निर्धारण किया जाता है और हरेक गांव के खेसरा या प्लॉट के हवाई फोटोग्राफी से तैयार नक्का जमीन से मिलान किया जाता है। जब किस्तवार का काम पूरा हो जाता है तो हरेक खेत यानि खेसरा में नया नंबर दिया जाता है। फिर खानापुरी का काम किया जाता है जिसमें हरेक खेसरा के स्वामित्व का निर्धारण किया जाता है। जिन जिलों में दूसरे चरण में सर्वे का प्रारंभ किया गया है उनके नाम हैं:- पटना, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, गया, नवादा, वैली, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और रोहतास।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने स्वघोशणा की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सर्वे कर्मी वि पेशकर अमीन घर-घर जाकर प्रपत्र-2 और प्रपत्र-3-1 भरने के लिए लोगों को प्रेरित करें। स्वघोषणा के जरिए जमीन के कागजात जमा रहेंगे तो खानापुरी में खेसरा पंजी बनाने में सर्वे कर्मियों को परेशानी नहीं होगी।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!