Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Jan, 2025 01:41 PM
बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में सहकारी चौपाल जैसे कार्यक्रम से सहकारिता के प्रति लोगों में जागरूकता लाकर अधिक से अधिक संख्या में रोजगार दिया जा सकता है। राज्य में सहकारिता आन्दोलन को गति-सहकारी योजनाओ के बारे में नुक्कड़...
पटना: बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में सहकारी चौपाल जैसे कार्यक्रम से सहकारिता के प्रति लोगों में जागरूकता लाकर अधिक से अधिक संख्या में रोजगार दिया जा सकता है।
योजनाओं की रूपरेखा के साथ उपलब्धियों तथा उद्देश्यों की चर्चा की गई
राज्य में सहकारिता आन्दोलन को गति-सहकारी योजनाओ के बारे में नुक्कड़ नाटकों एवं कार्यक्रमों से जागरूक करने की तैयारी सहकारिता विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं से राज्य की जनता को अवगत कराने तथा उनके मध्य व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए ‘सहकारी चौपाल' कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इस कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सहकारिता के उद्देश्यों एवं योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा इस कार्यक्रम का शुभांरभ 22 जनवरी से किया जाना है। कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से डॉ. कुमार की अध्यक्षता में रविवार को दीप नारायण सिंह क्षेत्रीय सहकारी प्रशिक्षण संस्थान, पटना में 30 नुक्कड़ दलों के 169 सदस्यों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य सहकारिता विभाग की योजनाओं को गुणवत्तापूर्ण तथा समरूपता के साथ लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना था। इस कार्यक्रम में मंत्री तथा उपस्थित विभागीय पदाधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इसमें योजनाओं की रूपरेखा के साथ उपलब्धियों तथा उद्देश्यों की चर्चा की गई।
'राज्य में प्रतिदिन लगभग 84 पैक्सों में यह आयोजन किया जाएगा'
नुक्कड़ नाटक दलों को राज्य के प्रत्येक जिले में भेजकर वहां के प्राथमिक कृषि साख समिति में सहकारी चौपाल कार्यक्रम का आयोजन कराया जाएगा। राज्य में प्रतिदिन लगभग 84 पैक्सों में यह आयोजन किया जाएगा। एक दल एक जिला में प्रतिदिन तीन पैक्सों में यह आयोजन करेंगें। डॉ. कुमार ने बताया कि राज्य में इस प्रकार के कार्यक्रम से सहकारिता के प्रति लोगों में जागरूकता लाकर अधिक से अधिक संख्या में रोजगार दिया जा सकता है। सहकारिता एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें राज्य के गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्ति आपसी सहयोग और सूझबूझ अपने जीवन स्तर में गुणात्मक वृद्धि करते है और अपने आय एवं आजीविका का स्थाई समाधान करते है।