Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2022 11:09 AM

भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में नगर निकाय के चुनाव में प्रावधान है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। केंद्र एवं बिहार सरकार की अनेक योजनाओं में भी एक या दो से ज्यादा बच्चा होने पर योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाता है।...
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बहुत सोच समझ कर रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि आपातकाल के दौरान जबरदस्ती नसबंदी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा था। इसलिए, जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बहुत सोच समझ कर रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में नगर निकाय के चुनाव में प्रावधान है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। केंद्र एवं बिहार सरकार की अनेक योजनाओं में भी एक या दो से ज्यादा बच्चा होने पर योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाता है। इसलिए, बिहार में नगर निगम चुनाव के समान पंचायत चुनाव में भी जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देने का प्रावधान किया जा सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में वर्ष 2005 से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने लड़कियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण का जो प्रयास किया उसी का परिणाम है कि बिहार की प्रजनन दर चार से घटकर 2019-21 में राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार 2.98 पहुंच गई। भाजपा सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत प्रथम दो कन्या शिशु के जन्म तक 2000 की राशि सीमित कर दी गई है। जननी सुरक्षा योजना में सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर शहरी क्षेत्र में 1000 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1400 का प्रावधान का लाभ केवल दो बच्चों तक सीमित है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम जीवित संतान के लिए ही 5000 का प्रावधान है। आयकर दाताओं को दो बच्चों की पढ़ाई पर हुए व्यय में आयकर छूट का प्रावधान है।
मोदी ने कहा कि तमिलनाडु समेत अनेक राज्यों में मातृत्व अवकाश का लाभ भी दो बच्चों तक सीमित है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और बिहार सरकार अन्य अनेक योजनाओं में भी प्रावधान कर सकती है जिनका लाभ अधिकतम दो या तीन बच्चों के परिवार को ही मिल सके।