Edited By Ramanjot, Updated: 14 Mar, 2024 02:19 PM
आर्लेकर ने बुधवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेट की विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को विकसित करने का जो संकल्प लिया है उसे पूरा करने के लिए सभी आगे आएं और अपना बहुमूल्य योगदान दें। उन्होंने कहा...
दरभंगा: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने व्यक्तित्व निर्माण में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि समाज का निर्माण करने वालों का व्यक्तित्व निर्माण करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है।
आर्लेकर ने बुधवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेट की विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को विकसित करने का जो संकल्प लिया है उसे पूरा करने के लिए सभी आगे आएं और अपना बहुमूल्य योगदान दें। उन्होंने कहा कि आप जिस किसी क्षेत्र में कार्यरत हैं उस क्षेत्र में रहकर हीं देश के विकास के लिए अपनी महती भूमिका का निर्वहन करें, तभी भारत 2047 तक विकसित देश के रूप में अपनी पहचान बना सकेगा। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में हमारी शिक्षा पद्धति ने हमें सिर्फ नौकरी करने वाला और अपने लिए सोचने वाला ही बनाया है जबकि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य समाज की बेहतरी के लिए होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को नई शिक्षा नीति के तहत अपने वर्तमान कार्य संस्कृति में बदलाव लाकर ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए जिससे छात्रों का पलायन भी रुके और दूसरे राज्यों से छात्र अध्ययन-अध्यापन के लिए बिहार में आएं। उन्होंने छात्रों से जॉब सीकर बनने की जगह जॉब गीवर बनने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वकालत करते हुए कहा कि युवा शक्ति जागृत हो रही है और उसे सही दिशा देने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने बिहार के नालंदा और विक्रमशिला की चर्चा करते हुए कहा कि इतिहास से मार्गदर्शन लेकर हमें अपना वर्तमान और भविष्य बेहतर बनाना है।