Edited By Diksha kanojia, Updated: 17 Jan, 2021 12:56 PM
झारखंड में शनिवार को कुल 48 केन्द्रों पर कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत हुई जिसमें कुल 3200 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया।
रांचीः झारखंड में शनिवार को कुल 48 केन्द्रों पर कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत हुई जिसमें कुल 3200 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया। झारखंड के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के राष्ट्रीय अभियान के प्रथम दिन राज्य में कुल 48 केन्द्रों पर 3200 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया।
जिन स्वास्थ्यकर्मियों को शनिवार को टीका लगाया गया उनमें से किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार उन सभी स्वास्थ्यकर्मियों के स्वास्थ्य की कम से कम आधे घंटे निगरानी की गयी जिन्होंने कोविड-19 टीकाकरण करवाया। कुलकर्णी ने बताया कि अब सोमवार को टीकाकरण का सत्र एक बार फिर प्रारंभ किया जाएगा और सप्ताह में चार दिनों तक टीकाकरण अभियान राज्य में सभी टीकाकरण केन्द्रों पर चलाया जाएगा। इससे पूर्व प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में शनिवार को कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारम्भ के साथ ही झारखण्ड में भी कोविड-19 टीकाकरण का शुभारम्भ स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के सदर अस्पताल में किया। जिसके बाद ‘कोविशील्ड' का पहला टीका अस्पताल की सफाई कर्मी मरियम गुड़िया को दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह टीका देश के लिए वरदान साबित होगा। इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव नितीन मदन कुलकर्णी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तय मानक के अनुसार शुरूआत में यह टीका सभी स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 48 टीकाकरण केन्द्रों पर यथा उचित तैयारियां पूर्ण कर टीकाकरण किया जा रहा है और प्रत्येक टीकाकरण केन्द्र पर प्रतिदिन 100 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली डोज दी जाएगी एवं जिस दिन पहली डोज दी जाएगी उसके 28 दिनों के बाद टीके की दूसरी डोज दी जाएगी। पहले राज्य में इस उद्देश्य से 129 टीकाकरण केन्द्र बनाए गए थे लेकिन केन्द्र सरकार ने यहां उपयुक्त आधारभूत संरचना को देखते हुए फिलहाल सिर्फ 48 केन्द्रों की ही अनुमति दी है। टीकाकरण केन्द्र कम किए जाने के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री सवाल से बचते नजर आये और सिर्फ इतना ही कहा कि टीकाकरण के केन्द्र कम हो तो क्या, मुख्य आवश्यकता है उन्हें ठीक से संचालित करने की।
कुलकर्णी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग एक लाख, चालीस हजार स्वास्थ्यकर्मियों (निजि एवं सरकारी) का पंजीकरण ‘कोविन' पोर्टल पर किया जा चुका है और कोविन पोर्टल पर पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों को ही टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि टीकाकरण के उपरान्त किसी भी प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव से निबटने के लिए सभी टीकाकरण केन्द्रों पर आपतकालीन तैयारी भी की गई है जिससे किसी अप्रिय घटना के होने पर तुरन्त उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि आज पूरे राज्य में सभी 48 टीकाकरण केन्द्रों पर कहीं भी आपातकालीन सेवा की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी मामले में टीके के रिएक्शन की सूचना नहीं मिली।