Jharkhand News... स्कूली छात्राओं के 'अपमान' के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ ने की सांकेतिक भूख हड़ताल

Edited By Khushi, Updated: 15 Jan, 2025 11:02 AM

jharkhand parents association held symbolic hunger strike

धनबाद में अभिभावकों के एक संगठन ने एक स्कूल की प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बीते मंगलवार को सांकेतिक भूख हड़ताल की, जिन्होंने पिछले सप्ताह कथित तौर पर 10 वीं की 80 छात्राओं को संदेश लिखने के कारण अपनी शर्ट उतारने का आदेश दिया था।

धनबाद: धनबाद में अभिभावकों के एक संगठन ने एक स्कूल की प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बीते मंगलवार को सांकेतिक भूख हड़ताल की, जिन्होंने पिछले सप्ताह कथित तौर पर 10 वीं की 80 छात्राओं को संदेश लिखने के कारण अपनी शर्ट उतारने का आदेश दिया था।

झारखंड अभिभावक महासंघ (जेएएम) नामक इस संगठन ने दावा किया कि जिला प्रशासन ने 10 जनवरी को छात्राओं को बिना शर्ट के ब्लेज़र पहनकर घर लौटने के लिए मजबूर करने वाली प्राचार्य को क्लीन चिट दे दी है। हालांकि जिला प्रशासन ने सोमवार को इस प्रकरण की जांच की और वह प्रतिष्ठित निजी स्कूल की प्राचार्य को दी गयी कथित 'क्लीन चिट' पर चुप्पी साधे हुए है। जेएएम के 11 पदाधिकारियों ने प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर यहां रणधीर वर्मा चौक पर सुबह 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक भूख हड़ताल की। यद्यपि भूख हड़ताल करने वालों में 80 स्कूली छात्राओं में किसी के अभिभावक या माता-पिता नहीं थे। जेएएम सचिव मनोज मिश्रा ने बताया कि बच्चों के माता-पिता/अभिभावकों की शिकायत के बाद धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा ने जांच दल का गठन किया था, जिसमें संबंधित उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) और उप-मंडल पुलिस अधिकारी शामिल थे। मिश्रा ने कहा, ‘‘लड़कियों के अपमान के बाद उपायुक्त ने एसडीओ को घटना की जांच का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने प्राचार्य को क्लीनचिट दे दी तथा स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों को इस मुद्दे पर समझौता कर लेने को कहा।'' बार-बार कोशिश करने के बाद इस मुद्दे उपायुक्त या एसडीओ से उनकी प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं किया जा सका है।

जेएएम सचिव ने कहा कि अब संगठन का केवल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) पर ही भरोसा है, जिसके प्रतिनिधि भी जांच दल का हिस्सा थे। डीएलएसए सचिव राकेश रोशन ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को सौंपेंगे। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को भेज दी है। इस बीच, स्कूल प्रबंधन ने प्राचार्य को जांच पूरी होने तक स्कूल की सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से दूर रहने को कहा है। अभिभावकों ने डीसी से शिकायत की थी कि 10वीं कक्षा की छात्राएं 10 जनवरी को अपनी परीक्षा पूरी करने के बाद एक-दूसरे की शर्ट पर संदेश लिखकर 'पेन डे' मना रही थीं। प्राचार्य ने इस जश्न पर आपत्ति जताई और छात्राओं से अपनी शर्ट उतारने को कहा। हालांकि छात्राओं ने इसके लिए माफी मांगी। अभिभावकों ने डीसी को बताया कि सभी छात्राओं को बिना शर्ट के ब्लेज़र में घर वापस भेज दिया गया। 

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